नई दिल्ली: कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने अध्यादेश लाने का फैसला लिया है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट की बैठक के बाद बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ होने वाले हमलों और उत्पीड़न को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उनकी सुरक्षा के लिए सरकार पूरा संरक्षण देने वाला अध्यादेश जारी करेगी. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ये तुरंत प्रभाव से जारी होगा.


अध्यादेश में सख्त सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है. जावड़ेकर ने कहा कि डॉक्टर पर हमला करना ग़ैर जमानती अपराध होगा.


क्या है सजा?


3 महीने से 5 साल तक की सज़ा का प्रावधान किया गया है. 50 हज़ार से 2 लाख तक जुर्माना भी होगा. ज्यादा नुकसान हुआ तो 6 महीने से 7 साल तक की सज़ा हो सकती है.


30 दिन में मुकदमा चलना शुरू हो जाएगा और 1 साल में फैसला आएगा. अगर स्वास्थ्य कर्मी की गाड़ी का नुकसान हुआ है तो इसके लिए हमला करने वाले से मार्केट दर से दोगुना मुआवजा लिया जाएगा.


देश के कई स्थानों पर चिकित्सा कर्मियों पर हमले की घटनाओं की पृष्ठभूमि में मोदी सरकार ने ये फैसला लिया है. इससे पहले भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने कोरोना वायरस संकट के दौरान अपनी ड्यूटी कर रहे डाक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हो रहे हमलों के विरोध में एक प्रदर्शन का फैसला लिया था. बाद में आईएमए ने सरकार से आश्वासन मिलने के बाद विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया.


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