(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
COVID 19: दिल्ली के अस्पताल पहुंचा कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन का संदिग्ध मरीज
कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन का संदिग्ध मरीज को LNJP अस्पताल में भर्ती किया गया है. अस्पताल के MD ने कहा कि मरीज़ एसिम्प्टोमैटिक है. टेस्ट रिपोर्ट से पता चलेगा ये नया स्ट्रेन है या नहीं.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के चलते ब्रिटेन से आने वाली फ्लाइट्स पर भारत में 31 दिसम्बर तक प्रतिबंध लगा दिया गया है. मंगलवार रात ब्रिटेन से आई फ्लाइट में एक यात्री कोरोना संक्रमित पाया गया जिसे दिल्ली के लोकनायक असप्तालों में भर्ती कराया गया है.
abp न्यूज़ से खास बातचीत में अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ सुरेश कुमार ने बताया कि हमारे पास एक मरीज है जो कि सस्पेक्टेड है, हम इस मरीज को टेस्ट कर रहे हैं. अभी मरीज़ के टेस्ट किए जा रहे हैं, टेस्ट के रिजल्ट 3-4 दिन में आएंगे. रिज़ल्ट से पुष्टि होगी कि यह पहले वाला स्ट्रेन है या नया स्ट्रेन है. लेकिन मरीज अभी बिल्कुल ठीक और एसिम्प्टोमैटिक है. मरीज़ की ट्रैवल हिस्ट्री है इसलिए उनको अलग से आइसोलेशन में रखा गया है.
'कोरोना के नए स्ट्रेन का क्लिनिकल स्पेक्ट्रम समान है' कोरोना के नये स्ट्रेन से जुड़ी जानकारी देते हुए डॉ सुरेश कुमार ने कहा कि अभी इस नये स्ट्रेन का पता चला है. काफी सारे मरीज ऐसे है जिनमें ये देखा गया है. हाल ही में जो नया स्पाइक हुआ है उसमें ये स्ट्रेन देखा गया है. पूरी दुनिया में इसे लेकर अलर्ट जारी किया गया है, हम भी इसके लिए तैयार हैं. सभी संभव तैयारियां कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि इसमें कोई घबराने वाली बात नहीं है क्योंकि बीमारी का क्लीनिकल स्पेक्ट्रम एक ही है. यह बहुत घातक नहीं है और पहले वाले स्ट्रेन से बहुत ज्यादा खतरनाक नहीं है. लेकिन निश्चित तौर पर ये 70 फीसदी ज्यादा तेजी से फैलता है और और मुख्य रूप से युवा लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है.
'नए स्ट्रेन से इंफेक्शन रेट तेज़ी से बढ़ेगा' डॉ सुरेश कुमार ने बताया कि जैसा डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि जब भी वायरस होता है तो उसके प्राकृतिक एवोल्यूशन में ऐसा होता है. हमने पहले भी काफी सारी जो वायरल बीमारियां देखी है उसमें भी ऐसा देखने को मिला है. स्वाइन फ्लू में भी ऐसा देखने को मिला था. वायरस का जो स्ट्रक्चर है, उसके जेनेटिक स्ट्रक्चर में कुछ बदलाव होते हैं जिसकी डायनेमिक से वायरस में थोड़ा बदलाव देखने को मिलता है. लेकिन इसमें ज्यादा चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि इसका जो असर है कि पथोजेनिसिटी है बीमार करने की जो दर है वह ज्यादा घातक नहीं है.
उन्होंने कहा कि ज्यादा चिंता इसलिए नहीं है कि इससे मृत्यु पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, बीमारी के प्रोग्रेशन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा सिर्फ खाली इंफेक्शन का रेट ज्यादा है. सुपर स्प्रेडर इसीलिए कहा जा रहा है क्योंकि तेज़ी से फैलता है इसलिए ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ेगी.
'LNJP में हो रही हैं वैक्सीन स्टोरेज को लेकर तैयारियां' दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में वैक्सीन स्टोरेज को लेकर चल रही तैयारियों के बारे में बताते हुए डॉ सुरेश कुमार ने कहा कि वैक्सीन के स्टोरेज की व्यवस्था यहां की गई है. हैल्थवर्कर्स की ट्रेनिंग भी हो गई है. हमने डीप फ्रीजर, रूटीन रेफ्रिजरेटर की व्यवस्था की है स्टोरेज के लिए. स्टोरेज का बड़ा सेंटर राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में बन रहा है.
उन्होंने कहा कि हमारे 4,000 हेल्थ केयर वर्कर हैं उनकी लिस्ट वैक्सीनेशन के लिए सरकार को सौंप दी है क्योंकि हेल्थ केयर वर्कर्स प्राथमिकता पर हैं. हम आशा कर रहे हैं कि जनवरी में या फरवरी की शुरुआत में मैं वैक्सीन आ जायेगी.
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