नई दिल्लीः कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण अमेरिका में पढ़ाई कर रहे छात्रों को वापस भारत आना पड़ सकता है. भारत ने विदेशी छात्रों के वीजा से संबंधित मुद्दे पर मंगलवार को अमेरिका से बात की है. इसकी जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी है.


दरअसल, अमेरिकी आव्रजन प्राधिकरण ने घोषणा की है कि उन विदेशी छात्रों को देश छोड़ना होगा या निर्वासित होने के खतरे का सामना करना होगा जिनके विश्वविद्यालय कोरोना वायरस की महामारी के चलते इस सेमेस्टर पूर्ण रूप से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करेंगे. इस कदम से सैकड़ों-हजारों भारतीय छात्रों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.


विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने अमेरिका के राजनीतिक मामलों के उप विदेश मंत्री डेविड हेल के साथ ऑनलाइन बैठक के दौरान यह मुद्दा उठाया. सूत्रों ने कहा कि अमेरिकी पक्ष ने इसपर गौर करते हुए कहा कि वे भारतीयों के हितों को ध्यान में रखेंगे और कोशिश करेंगे कि इस फैसले का उनपर कम प्रभाव पड़े.


अमेरिका ने भारत से यह भी कहा कि इस फैसले के कार्यान्वयन से संबंधित विस्तृत दिशा-निर्देश जारी होने अभी बाकी है. आव्रजन एजेंसी ने कहा कि मौजूदा समय में जो छात्र अमेरिका में इन पाठ्यक्रमों में पंजीकृत हैं. उन्हें अपने देश लौट जाना चाहिए या वैधता बनाए रखने या आव्रजन नियमों के तहत संभावित कार्रवाई से बचने के लिए अन्य उपाय जैसे उन स्कूलों में स्थानांतरण कराना चाहिए जहां पारंपरिक कक्षाओं में पढ़ाई हो रही है.


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