सीनियर वायरोलॉजिस्ट शाहिद जमील का सरकार के एडवाइजर ग्रुप से इस्तीफा, जीनोम स्ट्रक्चर की पहचान की थी जिम्मेदारी
लेख में शाहिद जमील ने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि देश में वैज्ञानिक साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण के लिए जिद्दी प्रतिक्रिया का सामना कर रहे हैं.यह साफ नहीं है कि शाहिद जमील ने पद से इस्तीफा क्यों दिया है. जमील अशोका यूनिवर्सिटी में त्रिवेदी स्कूल ऑफ बायोसाइंस के डायरेक्टर भी हैं.
देश इस वक्त कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर से जंग लड़ रहा है. इस बीच सीनियर वायरोलॉजिस्ट शाहिद जमील ने भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम के वैज्ञानिक सलाहकार ग्रुप के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है. शाहिद जमील ने हाल ही में एक लेख में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की थी. उन्होंने मोदी सरकार को वैज्ञानिकों की बात सुनने की सलाह भी दी थी.
इस्तीफे का कारण साफ नहीं
शाहिद जमील केंद्र के सलाहकार ग्रुप के सदस्य थे. शाहिद जमील को कोरोना महामारी (SARS-CoV-2 वायरस) के जीनोम स्ट्रक्चर की पहचान करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि शाहिद जमील ने पद से इस्तीफा क्यों दिया है. जमील अशोका यूनिवर्सिटी में त्रिवेदी स्कूल ऑफ बायोसाइंस के डायरेक्टर भी हैं.
लेख में शाहिद जमील ने क्या लिखा था?
हाल ही में शाहिद जमील ने न्यूयॉर्क टाइम्स में एक लेख लिखा था. इस लेख में उन्होंने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि देश में वैज्ञानिक साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण के लिए जिद्दी प्रतिक्रिया का सामना कर रहे हैं. उन्होंने सरकार पर वैज्ञानिकों की सलाह न मानने तक के आरोप लगाए थे.
लेख में उन्होंने कहा, ‘’मोदी सरकार को देश के वैज्ञानिकों की बात सुननी चाहिए और पॉलिसी बनाने में जिद्दी रवैया छोड़ना चाहिए. मुझे चिंता है कि नीति को चलाने के लिए विज्ञान पर ध्यान नहीं दिया गया. लेकिन मुझे पता है कि मेरा अधिकारक्षेत्र कहां तक है.’’
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