हैदराबाद: भारत बायोटेक ने कहा है कि उसे कोरोना वायरस के अपने टीके कोवैक्सीन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से जुलाई-सितंबर तक आपात इस्तेमाल मंजूरी (ईयूए) मिलने की उम्मीद है. कंपनी ने कहा कि कोवैक्सीन के लिए 60 से ज्यादा देशों में नियामकीय मंजूरी प्रक्रिया में है, जिसमें अमेरिका, ब्राजील, हंगरी जैसे देश शामिल हैं.


भारत बायोटेक ने बयान जारी कर कहा, ‘‘ईयूए के लिए आवेदन डब्ल्यूएचओ-जिनेवा को सौंप दिया गया है, नियामकीय मंजूरी जुलाई-सितंबर 2021 तक मिलने की उम्मीद है.’’ टीका निर्माता ने कहा कि इसे 13 देशों में ईयूए हासिल हो गया है और अन्य कई अन्य देशों में मिलने की उम्मीद है. अधिकतर देशों ने कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण की अनुशंसा की है.


भारत बायोटेक ने कहा कि बिना टीका लगवाए यात्री नेगेटिव आरटी-पीसीआर जांच के साथ यात्रा कर सकते हैं, जब तक कि किसी देश ने विशिष्ट यात्रा पाबंदियां नहीं लगाई हों.


भारत बायोटेक ने ब्राजीली नियामक को नया आवेदन भेजा


वहीं, दूसरी ओर कंपनी ने ब्राजील में कोरोना वायरस रोधी टीके की आपूर्ति करने के लिए प्रमाण पत्र हासिल करने की खातिर वहां अधिकारियों को एक नया अनुरोध भेजा है. इससे पहले ब्राजील के स्वास्थ्य नियामक ने कंपनी के संयंत्र में ‘वस्तु उत्पादन प्रणाली’ से असंतुष्ट होने पर कोविड टीकों की आपूर्ति की इजाजत देने से इनकार कर दिया था. ब्राजील की राष्ट्रीय स्वास्थ्य निगरानी एजेंसी ‘एनविसा’ के मुताबिक भारत बायोटेक ने 25 मई को अनुरोध भेजा था. इससे एक दिन पहले वहां के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोवैक्सीन की दो करोड़ खुराक के आयात की मंजूरी पाने की खातिर नया आवेदन दिया था.


एनविसा के अधिकारियों ने इजाजत न देने पर क्या कारण बताया?


इससे पहले एनविसा के अधिकारियों ने पाया था कि जिस संयंत्र में टीके का उत्पादन किया जाता है, वह ‘वस्तु उत्पादन प्रणाली (जीएमपी)’ की आवश्यकताओं पर खरा नहीं उतरता है, जिसके बाद एजेंसी ने कोवैक्सीन आयात करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था.


भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने 26 फरवरी को कहा था कि कोवैक्सीन की दो करोड़ खुराकों की आपूर्ति के लिए उसने ब्राजील की सरकार के साथ एक समझौता किया है. उसने बताया था कि ये खुराकें वर्तमान वर्ष की दूसरी और तीसरी तिमाही में भेजी जाएंगी. हालांकि ब्राजील के स्वास्थ्य नियामकों ने जीएमपी मुद्दों के चलते टीकों के आयात से इनकार कर दिया.


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