नई दिल्ली: क्या किसी कोरोना वायरस संक्रमित इंसान के सम्पर्क में आने के कुछ ही मिनट में कोई संक्रमित हो जा रहा है. जानकारों के मुताबिक जिस तरह केस आ रहे हैं और मामले बढ़ रहे हैं उससे यही लगता है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल संक्रमण तेज़ी से फैल रहा है. पिछले साल के मकाबले इसमें बहुत कम समय लग रहा है.


कोरोना की दूसरी लहर हर दिन डरा रही है. हर दिन रिकॉर्ड केस सामने आ रहे हैं. ऐसे में ऐसी भी चीज़ें सामने आ रही हैं कि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के कुछ ही मिनटों में एक स्वस्थ व्यक्ति संक्रमित हो जा रहा है. ये अनुमान लगाया जा रहा है कि दूसरी लहर में कोरोना वायरस बहुत ज्यादा संक्रामक हो गया है. 


पुलमोनोलॉजिस्ट डॉ संदीप नैयर बताते हैं, "ये जो स्ट्रेन हम साल 2021 में देख रहे हैं ये थोड़ा अलग है. हमने दो तीन चीज़ इसमें अलग सी देखी है. पहली, की ये बहुत ज्यादा संक्रामक है. यानी बहुत जल्द फैलता है. चाहे वो उतना ही गंभीर हो जितना पिछले साल था लेकिन संक्रामक बहुत है."


पिछले साल एक स्टडी के मुताबिक 15 मिनट तक कोई संक्रमित व्यक्ति बिना किसी कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर के किसी स्वस्थ व्यक्ति से बात कर ले, तो वो उसे संक्रमित कर सकता था. अब जो केस देखने को मिल रहे हैं, उसमें कम समय में आप इस संक्रमण का शिकार हो जा रहे हैं. डॉ संदीप नैयर के मुताबिक उनके पास ऐसे कई मरीज आए जिन्होंने किसी संक्रमित व्यक्ति से कुछ देर बात की और वो संक्रमित हुए हैं. 


डॉ संदीप नैयर ने कहा, "पिछले साल मरीज जो आये थे, उनमें कॉन्टैक्ट उनको कहा जाता था, जिन्होंने कम से कम 15 मिनट तक के लिए संक्रमित व्यक्ति से बात की हो. ये सब चीन की स्टडी पर आधारित था, क्योंकि उस वक़्त देश मे शुरू हुआ था, तब कहा गया कि 6 फ़ीट से कम दूरी होने पर आपको ज्यादा चांस है. फिर यहां 10 मिनट अगर आप ऐसे व्यक्ति से बात करते थे, तो उनको आइसोलेट किया जाता था, लेकिन अब देखा जा रहा है की आप दो या तीन मिनट बात कर लें, तो हमारा अनुभव है कि आपको संक्रमण का चांस है. हालांकि अभी इसको लेकर स्टडी नहीं है."


वहीं जानकर मानते हैं कि एक मिनट या कुछ मिनट में संक्रमण संभव नहीं है. अभी तक कि स्टडी के मुताबिक 15 मिनट का वक़्त कहा गया है, लेकिन वो ये मानते हैं कि वायरस में हुए बदलाव की वजह से ये समय और कम हो सकता है. 


 इंटरनल मेडिसिन,  डॉ विक्रमजीत सिंह ने कहा, "अगर हम वैज्ञानिक सबूतों को देखें तो अभी तक ऐसा सबूत नहीं है और जो हमारी एक्सपेरिमेंटल स्टडी है, पिछली लहर की स्टडी, वो यही कहती है कि औसत समय करीब 15 मिनट का है. इस बार क्योंकि म्यूटेंट स्ट्रेन है नए स्ट्रेन हैं, तो शायद ये समय कम हो सकता है. हो सकता है वो 15 मिनट से कम होकर 10 मिनट का हो, 12 मिनट हो मगर एक मिनट नहीं हो सकता है."


इसको लेकर ऐसी कोई स्टडी नहीं आई है, लेकिन जिस तरह के केस सामने आ रहे हैं उसे जानकार और डॉक्टर यही अंदाज़ा लगा रहे हैं. क्योंकि पिछले साल संक्रमण के केस इतने नहीं थे, न इतनी जल्दी लोग संक्रमित हो रहे थे. 



एम्स के पूर्व निदेशक डॉ एम सी मिश्रा ने एबीपी न्यूज़ को बताया, "ये संभावना पूरी है. अगर संक्रमित व्यक्ति को बहुत ज्यादा इन्फेक्शन है और अगर हम उसके साथ एक से पांच मिनट रहंगे, तो बिल्कुल उनके ड्रापलेट्स सांस के ज़रिए अंदर ले सकते हैं. एक मिनट में संक्रमित हो जाएंगे ये अभी नहीं कह सकते, क्योंकि अभी स्टडी ऐसी नहीं आई है कि एक मिनट में सम्पर्क में आने पर संक्रमित हो रहे हैं. लेकिन जिस तरह ये संक्रमण फैल रहा है उससे लगता है कि ऐसा ही हो रहा है कि कोई भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर वो संक्रमित हो जा रहा है."


संक्रमण की तेज़ी के पीछे वजह वायरस में आये बदलाव या म्युटेशन भी हो सकते हैं. लेकिन अभी ये साफ तौर पर नहीं कह सकते. इसको लेकर NCDC औए सरकार रिसर्च कर रही है. पॉजिटिव हुए लोगों के सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग की जा रही है.


दूसरे देशों में जैसे यूके, ब्राज़ील और साउथ अफ्रीका में कुछ दिनों पहले वायरस में म्युटेशन की बात सामने आई थी. उस वक़्त कहा गया था कि ये वायरस का नया वैरिएंट है और ये काफी संक्रामक है यानी ज्यादा तेजी से फैलता है. इस वैरिएंट से संक्रमित केस उसके बाद भारत में भी मिले हैं. हालांकि ये नहीं कहा जा सकता है कि अभी जो केस बढ़ रहे हैं उसके पीछे ये वैरिएंट जिम्मेदार हो.


यानी साफ है इस बार संक्रमण तेज़ी से फैल रहा है और आपकी सावधानी हटने पर ये कुछ ही मिनटों में आपको अपना शिकार बना सकता है. ऐसे में जरूरी है कि आप हर समय मास्क पहनें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और सफाई रखें, हाथ धोते रहें. 


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