नई दिल्लीः देश में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ते हुए 20 लाख से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर चुका है. बढ़ते संक्रमण के साथ ही इसके इलाज की बुनियादी सुविधाओं पर भी काम तेजी से हो रहे हैं. कोरोना के शुरुआती दिनों में देशभर के कई अस्पतालों में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) से इसके इलाज की बात कही गई थी. वहीं अब उत्तर प्रदेश में एक नई दवा इवरमेक्टिन ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की जगह लेने की तैयारी कर ली है.
दरअसल सरकार के सूत्रों से पता चला है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) को इवरमेक्टिन से बदलने का निर्णय लिया गया है. ऐसा करने से पहले आगरा में कोरोना संक्रमित मरीजों पर इसका प्रयोग किया गया था. जहां उचित परिणाम आने के बाद अब प्रदेस में इवरमेक्टिन से कोरोना का इलाज करे जाने की बात कही गई है.
राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य और चिकित्सा) अमित मोहन प्रसाद ने राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को आदेश दिया है कि कोरोना की रोकथाम के साथ-साथ इलाज के लिए Ivermectin दवा का इस्तेमाल किया जा सकता है. लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आरपी सिंह ने कहा कि “HCQ के साथ बहुत सारी दिक्कतें आ रही थी. इसलिए, अब हमें निर्धारित खुराक के अनुसार Ivermectin का उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं.'
बता दें कि 4 अगस्त को महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की अध्यक्षता में चिकित्सा विशेषज्ञों की एक बैठक में दवा के निर्णय और प्रोटोकॉल को अंतिम रूप दिया गया. कोरोना रोगियों के लिए Ivermectin के साथ Doxycyclin निर्धारित किया गया है. स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए, पहले, सातवें और 30 वें दिन और फिर महीने में एक बार Ivermectin खुराक देने का सुझाव दिया गया है.
हालांकि यह भी कहा गया है कि Ivermectin को गर्भवती महिलाओं या दो साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दिए जाने की सलाह भी दी गई है. अपने 12 जून के लेख में, विज्ञान पत्रिका ने लिखा कि 5 µM के Ivermectin ने SARS-CoV-2 या COVID-19 वायरस के वायरल आरएनए में लगभग 5000-गुना कमी लाई और दवा ने 48 घंटे के भीतर लगभग सभी वायरल कणों को प्रभावी ढंग से मार दिया.
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