श्रीनगर: जम्मू कश्मीर प्रशासन ने कोरोना वायरस वैक्सीन की नई खेप आने के साथ ही प्रदेश के दूर दराज़ के इलाकों में रहने वाले लोगों का टीकाकरण शुरू कर दिया है. प्रशासन ने कारोबार से जुड़े लोगों के साथ-साथ लोगों के संपर्क में आने वाले कारोबारियों और गुज्जर और बकरवाल समुदाय के लोगों का टीकाकरण शुरू किया है. 


श्रीनगर से 90 किलोमीटर दूर कुलगाम ज़िले के सोपट इलाके में जिला प्रशासन ने आज एक विशेष कैंप लगाया जिसमें, 300 से ज़्यादा लोगों की स्पॉट टेस्टिंग हुई. इनमें 90% लोग प्रवासी गुज्जर और बकरवाल समुदाय के थे. मई महीने के आते ही यह लोग अपने भेड़-बकरियों के साथ उपरी पहाड़ी इलाकों में जाते हैं, लेकिन इस बार इनको जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. 


ऐसे ही एक बकरवाल हुसैन खान के अनुसार उनके कबीले के लोगों को मवेशियों के साथ कारगिल जाना था. जहां वह आमतौर पर गर्मियों के पांच महीने गुज़ारते हैं. लेकिन कोरोना टेस्ट नहीं होने के कारण उनको वापस कर दिया गया. लेकिन अब प्रशासन की तरफ से यह कैंप लगाने से वह खुश हैं. निगेटिव आए तो कारगिल जाएंगे और पॉजिटिव आये तो अच्छे से उपचार होगा.


इस विशेष कैंप की ज़िम्मेदारी लेक्चरर अब्दुल रशीद मीर पर है. सरकार ने प्रदेश के सभी दूर दराज़ के इलाकों में रहने वाले लोगों की टेस्टिंग और ट्रेसिंग के लिए सरकारी कर्मचारियों को नियुक्त किया है. मीर के अनुसार ऐसी जगह जहां न सड़क है और न गाड़ी, स्वास्थ्य सेवा का तो यहां खयाल भी करना गलत है और ऐसे में लोगो के पास कोरोना के बारे में जानकारी भी न के बराबर. 


कैंप लगाने से यहां के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों के ना सिर्फ टेस्ट हो रहे हैं, बल्कि आने वाले दिनों में इसी डाटा के आधार पर यहां वैक्सीन लगाने का भी इंतेज़ाम हो जायेगा. 


गांदरबल ज़िले में भी प्रशासन ने हर गांव में घर घर जाकर लोगों को वैक्सीन लगाने का काम शुरू कर दिया है. हर उस गांव  में लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है, जहां कोई भी संक्रमित व्यक्ति नहीं पाया जाता है और जिन गांव में लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं उनको माइक्रो कन्टेनमेंट जोन बना कर बंद किया जा रहा है. 


जम्मू-कश्मीर स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अभी तक प्रदेश में संक्रमण शहरी इलाकों में ज्यादा पाया जा रहा है और यहां पर संक्रमण की दर 22 प्रतिशत है, लेकिन ज़बरदस्त टेस्टिंग और ट्रैसिंग के चलते गांव के इलाकों में अभी भी यह दर 7 प्रतिशत के आस पास है. इसीलिए संक्रमण के गांव-देहात में पहुचंने से पहले सरकार वैक्सीनशन का काम शुरू करने में जुटी है. 


पहले चरण में प्रशासन की तरफ से हाई रिस्क और हाई कॉन्टैक्ट ग्रुप को चुना गया है. प्रदेश के विभिन जिलों में बनी फ्रूट और सब्ज़ी मंडियों में काम करने वाले लोगों और यहां आने वाले किसानों का टिकाकरण शरू किया गया है. प्रशासन का कहना है कि गावों और शहर के बीच यह मंडियां एक बहुत बड़ी कड़ी हैं, जहां से इन देहात के इलाकों में संक्रमण फैल सकता है. 


अभी तक जम्मू कश्मीर में 30 लाख के करीब वैक्सीन की डोज़ लगाई जा चुकी है, लेकिन अभी भी 18-44 साल के 95 फीसदी और 45 साल से ऊपर के 40 फीसदी लोग वैक्सीन की पहली डोज़ से दूर हैं. इसीलिए प्रशासन ने 1 करोड़ 20 लाख वैक्सीन के डोज़ का ऑर्डर दिया है, ताकि तीसरी लहर शुरू होने से पहले ज़्यादा से ज़्यादा आबादी को सुरक्षित किया जा सके.


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