एक्सप्लोरर

कोरोना के बीच जानिए, क्या है महामारी कानून? अगर लॉकडाउन तोड़ा या बीमारी फैलाई तो जाएंगे जेल

महामारी अधिनियम, 1897 अंग्रेजी हुकूमत द्वारा बनाया गया 123 साल पुराना कानून है.आईपीसी की धारा 188 का जिक्र महामारी कानून के सेक्शन 3 में किया गया है.

नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए देशभर में तीन मई तक लॉकडाउन लागू किया गया है. इस दौरान कई राज्यों ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए महामारी रोग अधिनियम, 1897 लागू किया है. कई जगह प्रशासन ने यह भी निर्देश दिया है कि लॉकडाउन नहीं मानने पर धारा 188 के तहत कार्रवाई होगी. इसके बाद से ही महामारी कानून काफी चर्चा में आ गया है.

क्या है महामारी अधिनियम, 1897?

महामारी अधिनियम, 1897 अंग्रेजी हुकूमत द्वारा बनाया गया 123 साल पुराना कानून है. यह कानून उस दौर में बंबई प्रांत में प्लेग की महामारी फैलने के बाद बनाया गया था. इस कानून में चार धाराएं शामिल हैं. इसमें राज्यों को यह अधिकार दिया गया है कि वो रेल या फिर किसी भी अन्य परिवहन माध्यम से यात्रा कर रहे लोगों की चेकिंग कर सकते हैं. इस कानून में विरोध कर रहे लोगों को हिरासत में लेने और उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करने की भी शक्तियां दी गई हैं. इस कानून में सदभावना के लिए काम कर रहे कर्मियों की सुरक्षा की भी बात कही गई है. इसके अलावा कानून का उल्लंघन करने वालों पर दंड का भी प्रावधान है. इस कानून के तहत सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का अगर कोई व्यक्ति उल्लंघन करता है तो उसपर धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाती है.

क्या है आईपीसी 188

आईपीसी की धारा 188 का जिक्र महामारी कानून के सेक्शन 3 में किया गया है. इसके तहत...

- अगर आप किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा दिए निर्देशों का उल्लंघन करते हैं तो आप पर यह धारा लगाई जा सकती है. - सरकार द्वारा जारी निर्देशों की जानकारी है, फिर भी आप उनका उल्लंघन कर रहे हैं तब भी यह धारा लगाई जा सकती है.

कितनी सजा हो सकती है -  धारा 188 के तहत अगर नियम तोड़ा तो कम से कम एक महीने की जेल या 200 रुपये जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है. -  दूसरा- अगर आदेश के उल्लंघन से मानव जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा, को खतरा हुआ तो कम से कम 6 महीने की जेल या 1000 रुपये जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है.

क्या कोरोना पॉजिटिव आए मरीज पर होगा केस

जी नहीं, अगर कोई मरीज कोरोना पॉजिटिव आ गया है तो इसका कतई मतलब नहीं है कि उसके खिलाफ केस किया जाए, लेकिन अगर उसने लॉकडाउन के नियमों को तोड़ा है या जानबुझकर अपनी बीमारी छिपाई है और दूसरों तक फैलाई है तब उसके खिलाफ केस किया जा सकता है, लेकिन वो अनजाने में किसी से इस बीमारी की चपेट में आ गया है और उसके बाद अस्पताल और प्रशासन को इस बीमारी से पार पाने की कवायद में पूरी मदद कर रहा है तो वो किसी भी तरह से गुनाहगार नहीं है.

मोदी सरकार ने अध्यादेश के ज़रिए महामारी क़ानून 1897 में बदलाव कर कड़े प्रावधान जोड़े हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही अध्यादेश लागू करने की अधिसूचना भी जारी हो गई है. इस क़ानून का सबसे अहम पहलू ये है कि इसमें डॉक्टरों को कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई के चलते मकान मालिकों द्वारा घर छोड़ने जैसी घटनाओं को भी उत्पीड़न मानते हुए एक तरह की सज़ा का प्रावधान किया गया है.

क़ानून में डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक स्टॉफ समेत अन्य सभी स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला या उत्पीड़न को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में ग़ैर जमानती बना दिया गया है. ऐसे मामलों में मुक़दमा 1 महीने में शुरू करने और 1 साल के भीतर केस का फ़ैसला हो जाने का प्रावधान किया गया है. दोषी पाए जाने वालों के लिए सख़्त सज़ा का प्रावधान किया गया है. इसका आधार हमले और उत्पीड़न की गम्भीरता को बनाते हुए सज़ा को दो श्रेणी में बांटा गया है. अगर अपराध ज़्यादा गम्भीर नहीं है तो सज़ा के तौर पर 3 महीने से 5 साल तक की क़ैद हो सकती है.

साथ ही 50 हज़ार से 2 लाख रुपए तक के ज़ुर्माने का भी प्रावधान किया गया है. वहीं अगर गम्भीर हानि हुई तो 6 महीने से लेकर 7 साल तक क़ैद की सज़ा के साथ साथ 1 लाख रुपए से 3 लाख रुपए तक के ज़ुर्माने का भी प्रावधान किया गया है.

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

देश से ये चार बड़े कानून हो जाएंगे खत्म? गृहमंत्री अमित शाह ने कर ली पूरी तैयारी
देश से ये चार बड़े कानून हो जाएंगे खत्म? गृहमंत्री अमित शाह ने कर ली पूरी तैयारी
नेपाल की सड़कों पर योगी आदित्यानाथ का पोस्टर लेकर क्यों उतरे लोग, जानिए क्या है विवाद
नेपाल की सड़कों पर योगी आदित्यानाथ का पोस्टर लेकर क्यों उतरे लोग, जानिए क्या है विवाद
जॉन अब्राहम की 'द डिप्लोमैट' में ऐड होगा खास डिस्कलेमर, सेंसर बोर्ड ने फिल्म के इस सीन पर भी लगाया कट
जॉन अब्राहम की 'द डिप्लोमैट' में ऐड होगा खास डिस्कलेमर, CBFC ने किए ये बदलाव
BCCI Central Contract 2025: आवेश खान-रजत पाटीदार समेत ये खिलाड़ी हो सकते हैं BCCI सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर
आवेश खान-रजत पाटीदार समेत ये खिलाड़ी हो सकते हैं BCCI सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

PM Modi Mauritius Visit: आज से दो दिन मॉरीशस दौरे पर पीएम मोदी, जानिए क्यों अहम है ये दौरा? | ABP NewsBihar Politics: बिहार में होली के त्यौहार पर संभल जैसा बयान, संयोग या प्रयोग? | RJD | Tejashwi Yadav | ABP NewsBaba bageshwar In Bihar: बिहार में बागेश्वर बाबा की हिंदू कथा पर हंगामा क्यों बरपा? देखिए रिपोर्ट | ABP NewsChhattisgarh ED Raids: ED ने पूछताछ के लिए भूपेश बघेल के बेटे को बुलाया, आज कांग्रेस का बड़ा प्रदर्शन | ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
देश से ये चार बड़े कानून हो जाएंगे खत्म? गृहमंत्री अमित शाह ने कर ली पूरी तैयारी
देश से ये चार बड़े कानून हो जाएंगे खत्म? गृहमंत्री अमित शाह ने कर ली पूरी तैयारी
नेपाल की सड़कों पर योगी आदित्यानाथ का पोस्टर लेकर क्यों उतरे लोग, जानिए क्या है विवाद
नेपाल की सड़कों पर योगी आदित्यानाथ का पोस्टर लेकर क्यों उतरे लोग, जानिए क्या है विवाद
जॉन अब्राहम की 'द डिप्लोमैट' में ऐड होगा खास डिस्कलेमर, सेंसर बोर्ड ने फिल्म के इस सीन पर भी लगाया कट
जॉन अब्राहम की 'द डिप्लोमैट' में ऐड होगा खास डिस्कलेमर, CBFC ने किए ये बदलाव
BCCI Central Contract 2025: आवेश खान-रजत पाटीदार समेत ये खिलाड़ी हो सकते हैं BCCI सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर
आवेश खान-रजत पाटीदार समेत ये खिलाड़ी हो सकते हैं BCCI सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर
EPFO: ईपीएफओ ने सब्सक्राइबर्स को 10 वर्षों में 4.31 लाख करोड़ प्रॉविडेंट फंड का किया भुगतान, 3 गुना बढ़ गई खातों की संख्या
EPFO ने सब्सक्राइबर्स को 10 वर्षों में 4.31 लाख करोड़ प्रॉविडेंट फंड का किया भुगतान
15 हजार रुपये से कम में बैचलर्स और मास्टर्स की पढ़ाई, जानिए कैसे मिलता है इस सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एडमिशन
15 हजार रुपये से कम में बैचलर्स और मास्टर्स की पढ़ाई, जानिए कैसे मिलता है इस सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एडमिशन
झाड़ियों में छिपकर क्यों केंचुली उतारते हैं सांप? नहीं जानते होंगे उनकी कमजोरी
झाड़ियों में छिपकर क्यों केंचुली उतारते हैं सांप? नहीं जानते होंगे उनकी कमजोरी
PM Modi Mauritius Visit: पीएम मोदी का मॉरीशस में ग्रांड वेलकम! 24 कैबिनेट मंत्री एयरपोर्ट पर पहुंचे, प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने लगाया गले
पीएम मोदी का मॉरीशस में ग्रांड वेलकम! 24 कैबिनेट मंत्री एयरपोर्ट पर पहुंचे, प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने लगाया गले
Embed widget