नई दिल्ली: आज पूरी दुनिया में एक ही बात पर चर्चा हो रही है और ये चर्चा एक खतरनाक बीमारी की है, जिसकी शुरुआत तो चीन से हुई मगर देखते ही देखते इस बीमारी ने पूरी दुनिया में अपने पावं पसार लिए. कोरोना ने अपने साथ-साथ एक नए शब्द को भी चर्चा में ला दिया है. इस शब्द का इस्तेमाल इससे पहले शायद आप में से बहुत कम लोग ही करते होंगे. ये शब्द आप में से कुछ लोगों के लिए बिल्कुल नया होगा और ये शब्द है क्वारंटीन (Quarantine). ये शब्द काफी पुराना है. तो आइए आज हम आपको बतातें है इस शब्द और इसके इतिहास के बारे में.


क्या है क्वारंटीन का इतिहास
ये शब्द लेटीन भाषा के क्वाड्राजिंटा और इटली भाषा के क्वारांटा से मिलकर बना है. इन दोनों शब्दों का मतलब 40 होता है. इस शब्द का इस्तेमाल 14वीं शताब्दी में प्लेग के फैलने की शुरआत के साथ हुआ. बीमारी इतनी तेजी से फैली कि यूरोप की लगभग एक तिहाई जनता इसकी चपेट में आ गई. कोरोना की तरह ही बाद में ये बिमारी दुनिया के अलग अलग देशों से होते हुए भारत भी आ पहुंची और हालात ये हो गए थे कि हमारे देश भारत के कई गांव इसकी चपेट में आ गए थे.


देखते ही देखते गांव के गांव साफ हो गए. या यूं कह लें कि पूरे गावं को मौत ने अपनी आगोश में ले लिया था. ये बीमारी तेजी से फैली थी. तब रागुसा के अधिकारियों ने ट्रेंटिनो लागू करने के लिए कानून पास किया, जिसके तहत प्लेग प्रभावित जगहों में आने वाले जहाजों को 30 दिन के लिए आइसोलेशन में रखा गया. इस कानून के तहत किसी को भी जहाजों पर जाने की अनुमती नहीं थी. यूरोप के मार्सिल, पिसा और अन्य शहरों में इस कानून को अपनाना शुरू किया गया..


BIBLE में 40 नंबर का क्या है मतलब
बात 14वीं शताब्दी की है, जब आइसोलेशन की अवधि 30 दिन से बढ़ा कर 40 दिन कर दी गई. बाद में ट्रेंटिनों का नाम बदलकर क्वारंटीन कर दिया गया. जो अब भी क्वारंटीन के नाम से जाना जा रहा है. 40 दिन की अवधि को लेकर लोगों के मन में कई सवाल थे. और इस नंबर के कई आध्यात्मिक मतलब खोजे गए. बाद मे ये जानना काफी दिलचस्प रहा कि बाइबिल में कई घटनाएं 40 नबंर पर लिखी गई हैं. जैसे येशु का 40 दिन तक रेगिस्तान में रहना. माउंट सिनाई पर मोजिश का रहना.


प्लेग से पहले भी क्वारंटीन
ब्लैक डेथ यानी प्लेग के समय क्वारंटीन शब्द चलन में आया था लेकिन इससे पहले भी लोगों को बीमारी के समय अलग रखने का तरीका अपनाया जा चुका है. बाइबिल में कुष्ठ रोग और प्लेग के मरीजों को अलग रखने की बात कही गई है.

क्या है नेशनल क्वारंटीन एक्ट
साल 1978 में पीले बुखार के मद्देनजर अमेरिकी कांग्रेस ने नेशनल क्वारंटीन ऐक्ट को पास किया था, जिसका मकसद फेडरल सरकार की भागीदारी को बढ़ाना था. साल1892 में हैजा फैलने पर जरूरी सेवाएं देने के लिए फेडरल सरकार को ज्यादा अधिकार मिले और साल 1921 में क्वारंटीन सिस्टम पूरी तरह से तैयार हो गया.