नई दिल्ली: कोरोना को लेकर रोज नए मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में भारत में इनकी कोरोना मरीजों की संख्या 1100 से ज्यादा हो गई है वहीं मरनेवालों का आंकड़ा 29 हो गया है. ऐसे में भारत में क्या है कोरोना से लड़ने की तैयारी. आपको बताते हैं इस खबर में....


पर्सनल प्रोटक्शन इक्विपमेंट


भारत में इस समय कुल 3.34 लाख पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट हैं. 3 लाख पीपीई डोनेशन के तौर पर मिले हैं जो कि 4 अप्रैल तक भारत पहुंच जाएंगे. 10 हजार पर्सनल प्रोटक्शन इक्विपमेंट रेडक्रॉस ने दिए हैं.

12 भारतीय यानी डोमेस्टिक प्रोड्यूसर्स को 26 लाख पर्सनल प्रोटक्शन इक्विपमेंट बनाने के ऑर्डर दिए गए हैं. शुरुआत में यह कंपनियां 7000 इक्विपमेंट रोज बनाएंगी जोकि आगे चलकर 15000 प्रतिदिन की क्षमता तक पहुंच जाएंगी. इनकी डिलीवरी अप्रैल दूसरे हफ्ते से शुरू होगी.

इसके अलावा दक्षिण कोरिया की एक कंपनी को 20 लाख पर्सनल प्रोटक्शन इक्विपमेंट बनाने का ऑर्डर दिया गया है जिसका कंसाइनमेंट अगले 10 दिनों में भारत पहुंच जाएगा.


वहीं सिंगापुर की कंपनी को भी 10लाख पर्सनल प्रोटक्शन इक्विपमेंट बनाने का ठेका दिया गया है जो कि जल्द भारत पहुंच जाएगा.

N95


मास्क की बात करें तो मास्क को लेकर भी भारत सरकार उसकी उपलब्धता के लिए भी इंतजाम कर लिया है. इस समय भारत के अस्पतालों में कोई 11.95 लाख n95 मास्क हैं.
हाल ही में सरकार ने 6.4 लाख मास्क राज्यों को दिए हैं.


इसके अलावा भारत सरकार ने डीआरडीओ से मास्क बनाने के लिए कहा है. डीआरडीओ रोजाना 20000 n95 मास्क बनाएगा.


वेंटिलेटर


इसके अलावा वेंटिलेटर की भी जरूरत पड़ेगी जिसके लिए भारत सरकार ने तैयारी कर ली है.भारत में इस समय कुल 14 हजार वेंटीलेटर्स मौजूद हैं. इन सभी वेंटिलेटर उसको कोविड-19 पेशेंट के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.


इसके अलावा भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को 30 हजार वेंटीलेटर बनाने के लिए कहा गया यूपी के नोएडा में मौजूद अगवा हेल्थ केयर को 10 हजार वेंटिलेटर बनाने का ठेका दिया गया है. जिसकी अप्रैल के दूसरे हफ्ते से डिलीवरी शुरू हो जाएगी.इसके अलावा ऑटोमोबाइल कंपनी को भी वेंटिलेटर बनने के लिए कहा गया है.


टेस्टिंग लैब


भारत में 113 सरकारी टेस्टिंग सेंटर है जहां फ्री में कोरोना का टेस्ट हो रहा है. वहीं 47 निजी लैब को भी टेस्ट करने की इजाजत दे दी गई है. ये लैब 4500 रुपए में कोविड 19 का दोनों टेस्ट यानी प्राइमरी और कंफर्मेटरी टेस्ट करेंगे. वहीं ये टेस्ट आईसीएमआर गाइडलाइन के मुताबिक होंगे. वहीं जल्द सरकारी और निजी लैब की संख्या बढ़ेगी.


अस्पतालों में क्या है तैयारी


सरकार ने देश के सभी राज्यों से एक डेडीकेटेड यानी सिर्फ कोरोना का इलाज करनेवाले अस्पताल तैयार करने को कहा है. हो सके तो ये ज्यादा करने को कहा गया है. अभी कई सरकारी अस्पतालों में आइसोलेशन, ट्रीटमेंट वार्ड और कोरोना आईसीयू तैयार किए गए हैं जहां इलाज चल रहा है. कोरोना से निपटने और सही इलाज के लिए अलग अलग राज्यों में डॉक्टरों की ट्रेनिंग भी करवाई जा रही है और कुछ हो गई है.


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