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एबीपी न्यूज़ | Updated at : 14 Mar 2020 09:53 PM (IST)
21:46 PM (IST) • 14 Mar 2020
कोरोना वायरस को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है और कहा है कि राज्य में अगले आदेश तक सब मॉल बंद रखे जाएंगे. किराना की दुकानें खुली रहेंगी लेकिन मॉल्स को बंद किया जा रहा है.
21:16 PM (IST) • 14 Mar 2020
उत्तराखंड में कोरोना की आशंका के चलते दो ट्रेनी आईएफएस समेत छह और मरीजों के सैंपल शनिवार को जांच के लिए हल्द्वानी स्थित वायरोलॉजी लैब भेजे गए हैं. इस जिले से शनिवार तक 20 सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं. अब तक 11 संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर सतर्कता बरत रहे प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार विभिन्न अस्पतालों और संस्थानों से संपर्क कर रही हैं.
21:16 PM (IST) • 14 Mar 2020
उत्तराखंड के मंत्री ने कहा कि मॉल पर फिलहाल निर्णय नहीं हुआ है. किसी भी प्रकार के कार्यक्रम से पहले सरकार से अनमुति लेनी जरूरी होगी. कोरोना को देखते हुए नर्सिग स्टाफ के खाली पद भरे जाएंगे. सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अतिरिक्त पद सृजित किए जाएंगे. बसों में सेनिटेशन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. गौरतलब है कि कोरोना वायरस के चलते राज्य सरकार पहले ही तमाम बड़े आयोजन रद्द कर चुकी है. विद्यालयों में 31 मार्च तक अवकाश घोषित किया गया है और सचिवालय समेत सरकारी कार्यालयों में बायोमीट्रिक हाजिरी पर रोक लगाई जा चुकी है.
21:16 PM (IST) • 14 Mar 2020
उत्तराखंड सरकार ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है. राज्य मंत्रिमंडल की शनिवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया. शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र सहित राज्य के सभी कॉलेज, सिनेमाघर और मल्टीप्लेक्स 31 मार्च तब बंद रहेंगे. लेकिन मेडिकल कॉलेज खुले रहेंगे. वहीं राज्य में आइसोलेशन वार्ड के लिए 50 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं. उन्होंने बताया कि जरूरत पड़ने पर निजी भवनों का भी अस्पताल की तरह उपयोग किया जा सकेगा. बसों में सेनिटेशन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही प्रदेशभर में कोरोना से बचाव के मद्देनजर सावधानी, सतर्कता व जागरूकता पर जोर दिया गया है.
20:50 PM (IST) • 14 Mar 2020
अधिकारी ने कहा कि कोरेना वायरस संक्रमण एक श्वसन रोग है, जो किसी व्यक्ति के श्वसन तंत्र से छोड़ी जाने वाली नमी की बूंदों से दूसरे व्यक्ति में संचारित होता है और मृतक के शव से मुर्दाघर या अंत्येष्टि कर्मी के संक्रमित होने की संभावना नहीं है.