नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सर्वदलीय बैठक में कहा कि देश में आज राष्ट्रीय आपातकाल जैसे हालात हैं. आज लॉकडाउन हटाना उचित नहीं है. आगे देखेंगे कि क्या करते हैं. उन्होंने कहा कि हमें सोशल डिस्टेंसिंग के लिए आवश्यक नियमों का पालन करना होगा. कठोरता दिखानी पड़ेगी.


लॉकडाउन हटाना इतना सरल नहीं- पीएम मोदी


पीएम मोदी ने कहा, ‘’आने वाले दिनों में मैं फिर से एक बार मुख्यमंत्रियों से बात करूंगा. लेकिन अभी तक का जो सुर आ रहे हैं वह यही आ रहे हैं कि लॉकडाउन हटाना इतना सरल नहीं है.’’


कुछ न कुछ कठोर फैसले लेने की नौबत आएगी- पीएम मोदी


इसके साथ ही सर्वदलीय बैठक में उन्होंने कहा, ‘’साथियों भारत में हम आज की स्थिति है. एक प्रकार से नेशनल इमरजेंसी (राष्ट्रीय आपातकाल) जैसी स्थिति है. उसी से हम गुजर रहे हैं और ऐसी स्थिति में हमें समय-समय पर अप्रत्याशित निर्णय करने पड़ रहे हैं. आज इन सभी निर्णय के प्रति पूरे देश की जरूरत के संदर्भ में जिस तरह का आपका रुख़ रहा है, मैं आपका आभारी हूं और आगे भी कुछ न कुछ कठोर निर्णय करने की नौबत आएगी. मैंने पहले ही कहा कि लॉकडाउन उठाने के संबंध में, लॉकडाउन को बढ़ाने के संबंध में करीब-करीब यह बन रहा है कि एकाएक उठाना संभव नहीं होगा. आगे देखेंगे क्या करते हैं."


14 अप्रैल है लॉकडाउन का आखिरी दिन


कुल मिलाकर इसे साफ संकेत माना जा रहा है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जा सकता है. यहां ये बता दें कि 11 अप्रैल को पीएम मोदी एक बार फिर राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे. ये बैठक इसलिए बेहद अहम है क्योंकि देश में फिलहाल जो संपूर्ण लॉकडाउन जारी है, उसकी आखिरी ताऱीख 14 अप्रैल है.


ऐसे में माना जा रहा है कि 11 अप्रैल को ये तय हो सकता है कि लॉकडाउन बढ़ेगा या इसे हटाया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, इससे पहले कई राज्यों मुख्यमंत्रियों और विशेषज्ञों ने पीएम मोदी को लॉकडाउन बढ़ाने की सलाह दी. आज सर्वदलीय बैठक में भी विपक्षी नेताओं ने लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाए जाने की वकालत की.


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