नई दिल्ली: कोरोना वायरस के खिलाफ जंग के मद्देनजर लागू 21 दिन का लॉकडाउन आज समाप्त हो रहा है. लॉकडाउन के आखिरी दिन आज सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र को संबोधित करेंगे. राज्यों के साथ व्यापक तौर पर हुई चर्चा के बाद लॉकडाउन को दो हफ्ते तक बढ़ाने को लेकर आम सहमति बनती दिखी थी. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री संबोधन में देश में लॉकडाउन 30 अप्रैल तक बढ़ाने का ऐलान कर सकते हैं. कोरोना संकट के दौरान प्रधानमंत्री का यह देश के नाम तीसरा संबोधन होगा.


पिछले महीने पीएम ने 19 मार्च और 24 मार्च को राष्ट्र को संबोधित किया था. उन्होंने 19 मार्च को कोरोना वायरस से निपटने के लिए संकल्प और संयम का आह्वान किया था और साथ ही रविवार 22 मार्च को एक दिन के 'जनता कर्फ्यू' की भी घोषणा की थी. पीएम ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 24 मार्च को 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी. वहीं, 3 अप्रैल को मोदी ने एक वीडियो संदेश जारी कर लोगों से 5 अप्रैल को रात नौ बजे नौ मिनट के लिए घरों की सभी लाइटें बंद करके दीया, मोमबत्ती और मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर कोरोना वायरस को हराने के लिए देश की एकजुटता को प्रदर्शित करने की अपील की थी.


प्रधानमंत्री की कोशिश रहेगी कि लॉकडाउन बढ़ाने के ऐलान से किसी भी तरह का पैनिक देश में ना हो. प्रधानमंत्री आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति देश में और ज्यादा सुचारू ढंग से चलाने के लिए जिला और राज्य सरकारों से लेकर स्वयंसेवी संगठनों को आगे आने का आह्वान करेंगे. इसके लिए प्रधानमंत्री अपने तमाम मंत्रालयों को राज्य सरकारों के साथ समन्वय स्थापित करने का निर्देश पहले ही दे चुके हैं.


इन राज्यों में 30 अप्रैल तक लॉकडाउन घोषित


ओडिशा, पंजाब, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ाने का फैसला पहले ही ले चुके हैं.


किस तरह की रियायतें मिलने की उम्मीद


केंद्र सरकार की तरफ से सील किए गए हॉटस्पॉट पर सख्ती से पालन करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि आवश्यक वस्तुओं के ट्रांसपोर्टेशन के लिए राज्य सरकारें मालवाहक वाहनों को आवाजाही करने की इजाजत दें.


रवि की फसल की कटाई का समय चल रहा है और इसलिए प्रधानमंत्री चाहते हैं कि गांव में फसलों की कटाई के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए और ज्यादा छूट दी जाए.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोशिश है कि देश में आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं और रोजमर्रा के सामान की कमी ना हो इसके अलावा आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की कीमत भी काबू में रहे, इसके लिए जरूरी है राष्ट्रीय स्तर पर माल और सामान की आपूर्ति सुचारू रूप से चलती रहे ताकि सही समय पर उचित कीमत में सभी वस्तुएं मुहैया रहे.


प्रधानमंत्री चाहते हैं कि देश में आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन में लगे बड़े उद्योग के साथ-साथ लघु और मध्यम दर्जे के उद्योगों में शर्तों के साथ सीमित उत्पादन की छूट दी जाए जिससे आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं के देश में कमी ना हो.


केंद्र सरकार राज्य सरकारों के समन्वय से स्थानीय उद्योगों में लगे मजदूरों और कर्मचारियों को लाने ले जाने के लिए विशेष ट्रेन और बस से चलाना चाहती है ताकि आवश्यक वस्तुओं से जुड़े उद्योगों में मजदूरों और कर्मचारियों की कमी ना रहे.


अभी तक देश में साढ़े 300 जिलों में ही कोरोना से संक्रमित मरीज मिले हैं ऐसी सूरत में बाकी जिलों में लॉकडाउन में शर्तों के साथ छूट दी जा सकती है. ऐसी सूरत में इन जिलों के भीतर सीमित समय के लिए आवागमन खोला जा सकता है लेकिन जिले और राज्य की सीमाएं सील ही रहेंगी.


कोरोना संक्रमण की महामारी को देखते हुए देश को 4 हिस्सों में बांटा जा सकता है इसमें रेड, ऑरेंज, यलो और ग्रीन ज़ोन में देश को बांटा जा सकता है.




  • रेड जोन देश के वे जिले या इलाके जो बेहद संक्रमित है और उन्हें हॉटस्पॉट घोषित कर दिया गया है. यहां भी लॉकडाउन जारी रहेगा.

  • ऑरेंज जोन देश के वह इलाके होंगे जहां संक्रमण सीमित है लेकिन लॉकडाउन जारी रहेगा.

  • यलो जोन वे के होंगे जहां संक्रमण नहीं है और शर्तों के साथ लॉकडाउन में छूट दी जा सकती है.

  • ग्रीन जोन देश के वे इलाके होंगे जहां संक्रमण नहीं और लॉकडाउन में छूट दी जा सकती.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए देश के लोगों का भरोसा जगाने वाला हो सकता है. प्रधानमंत्री देश की सेवा में लगे कोरोना योद्धाओं के साहस को बढ़ाने वाला ऐलान भी कर सकते हैं.