नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए देश के 75 शहरों को लॉकडाउन कर दिया गया है. कैबिनेट सचिव और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव के साथ राज्यों के मुख्य सचिवों की बैठक में ये फैसला लिया गया है. दिल्ली में कोरोना वायरस पर कैबिनेट सेक्रेटरी और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ने उच्च स्तरीय बैठक की. इस बैठक में तमाम राज्यों के मुख्य सचिवों ने हिस्सा लिया और बताया कि जनता कर्फ्यू का जबरदस्त असर है.


इस उच्च स्तरीय बैठक में कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने पर चर्चा हुई, बैठक में इस बात पर सहमति बनी कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए अनावश्यक यात्री परिवहन को तुरंत रोकना आवश्यक है. और ऐसे शहरों में जहां पर कोरोना वायरस के संक्रमित सबसे ज्यादा पाए गए हैं वहां पर अति आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सब कुछ तुरंत बंद कर दिया जाए. देश में ऐसे शहरों की तादाद तकरीबन 75 है. इसके अलावा इस बैठक में अनावश्यक यात्री परिवहन को तुरंत रोकने का भी फैसला लिया गया, इसमें ट्रेन के अलावा अंतरराज्यीय बस सेवा भी शामिल है जिसे 31 मार्च तक रद्द किया जाना चाहिए.


बैठक में इस मुद्दों पर बातचीत के दौरान सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को सलाह दी गई कि वे राज्यों में कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए जो भी उपयुक्त क़दम हो, वे उठाएं और उन 75 जिलों में जहां कोरोना वायरस के कंफर्म मामले सामने आए हैं वहां पर केवल अति आवश्यक सेवाएं ही जारी रखने की इजाजत दी जाए.


बैठक में यह भी पाया गया कि कुछ राज्यों ने इस बारे में जरूरी कदम पहले भी उठा लिए हैं. उच्च स्तरीय बैठक में ट्रेनों को रद्द करने के अलावा जो एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है वह है कि सभी राज्यों के बीच रोड ट्रांसपोर्ट को भी 31 मार्च तक रद्द कर दिया जाए.


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