नई दिल्लीः कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी के बीच सरकार ने मंगलवार को कहा कि देश में प्रति दस लाख की आबादी पर कोरोना वायरस से संक्रमण और मृत्यु दर पूरी दुनिया में सबसे कम है. भारत में कोविड-19 के 22,252 नए मामले सामने आने के बाद मंगलवार को देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 7 लाख 19 हजार 665 हो गए. महज पांच दिन में ही संक्रमण के मामले छह लाख से सात लाख हो गए हैं. वहीं इस महामारी से पिछले 24 घंटे में 467 लोगों की मौत के साथ जान गंवाने वालों की संख्या भी 20,160 हो गई है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत में ठीक होने वाले मरीज प्रति दस लाख की आबादी पर इलाज करा रहे मरीजों से ज्यादा हैं. इसने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोरोना वायरस के मामलों की जल्दी पहचान करने और प्रभावी प्रबंधन करने का श्रेय दिया.
मंत्रालय ने बयान में कहा कि भारत में प्रति दस लाख पर ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 315.8 है जबकि देश में प्रति दस लाख की आबादी पर इलाज करा रहे मरीजों की संख्या 186.3 है. कोविड-19 महामारी से निपटने में भारत ने जो सबक सीखा उसके बारे में हर्षवर्द्धन ने कहा, ‘‘भारत में ठीक होने की दर 61 फीसदी है और मृत्यु दर 2.78 फीसदी है, जबकि देश की आबादी एक अरब 35 करोड़ है.’’
मंत्रालय ने छह जुलाई को जारी ‘डब्ल्यूएचओ स्थिति रिपोर्ट-168’ का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में कोविड-19 के मामले प्रति दस लाख की आबादी पर 505.37 है जबकि वैश्विक औसत 1453.25 है. देश में संक्रमण के मामले एक लाख होने में 110 दिन लगे थे और केवल 49 दिन में ही ये सात लाख के पार पहुंच गए. मंत्रालय ने बताया कि लगातार पांचवें दिन देश में 20,000 से अधिक नए मामले सामने आए हैं.
आईसीएमआर के मुताबिक छह जुलाई तक देश में 1,02,11,092 नमूनों की जांच की गई. आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में जिन 467 लोगों की जान गई है, उनमें से सबसे अधिक 204 लोग महाराष्ट्र के हैं. इसके बाद तमिलनाडु के 61, दिल्ली के 48, कर्नाटक के 29, उत्तर प्रदेश के 24, पश्चिम बंगाल के 22, गुजरात के 17, तेलंगाना तथा हरियाणा के 11-11, मध्य प्रदेश के नौ, आंध्र प्रदेश के सात, जम्मू-कश्मीर के छह, राजस्थान तथा पंजाब के पांच-पांच, केरल तथा ओडिशा के दो-दो और अरुणाचल प्रदेश तथा झारखंड का एक-एक व्यक्ति है.
इस बीच भारत के दवा नियंत्रक ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के दवा नियंत्रकों से कहा है कि प्रवर्तन अधिकारियों को निर्देश दें कि वे एंटी वायरल इंजेक्शन रेमडेसिविर की कालाबाजारी और अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक कीमत पर बेचे जाने से रोकें और उन पर कड़ी नजर रखें.
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