मुंबई: मुंबई अब देश की कोरोना कैपिटल बन गई है. अब कोरोना वायरस ने मुंबई के अस्पतालों को भी चपेट में लेना शुरू कर दिया है. चार अस्पताल अब तक कोरोना की चपेट में आ चुके हैं, जिनमें से दो को बीएमसी ने सील कर दिया है. आज सील किये गये भाटिया अस्पताल में काम करने वाली नर्सों का कहना है कि अस्पताल सील किये जाने के बाद वे जिस इमारत में रहतीं हैं, उसके निवासी उनके साथ बदसलूकी कर रहे हैं.


मुंबई के ग्रांट रोड की इमारत में रहने वाली भाटिया अस्पताल की 15 नर्सें देवी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करने पहुंची. थाने के बाहर एबीपी न्यूज़ से बातचीत करते हुए उन्होने कहा कि इमारत में रहने वाले लोग अस्पताल को सील किये जाने के बाद से उन्हें तंग कर रहे हैं. परिचय पत्र दिखाने के बाद भी उनकी आवाजाही में अड़चन आ रही है. उन्हें लिफ्ट का इस्तेमाल नहीं करने दिया जा रहा और घर का कूड़ा इमारत से किलोमीटर भर के फासले पर ग्रांट रोड स्टेशन के पास फेंक कर आने कहा जा रहा है.


यहां तक कि उनके देर से आने पर भी आपत्ती जताई जा रही है. नर्सों का कहना है कि वे इस बात से आश्चर्यचकित हैं कि मुंबई जैसे आधुनिक शहर में उस इमारत के लोग इतनी छोटी सोच रखते हैं. देर से घर पहुंचने का कारण अक्सर उनके काम की शिफ्ट का समय होता है. नर्सों का कहना है कि संक्रमित मरीज पाये जाने के बाद जो नर्सें अस्पताल में थीं उन्हें क्वॉरंटाइन कर दिया गया है, लेकिन इमारत के लोग बाकी नर्सों को भी शक की नजर से देख रहे हैं.


नर्सों के पीछे-पीछे उस इमारत के कुछ लोग भी पुलिस थाने पहुंच गये. एबीपी न्यूज़ ने उनसे भी बातचीत की. उनका कहना है था कि नर्सों के लगाये गये आरोप बेबुनियाद हैं. वे हाऊसिंग सोसयटी के नियमों का पालन नहीं कर रहीं थीं. जब भाटिया अस्पताल को सील किया गया तब एहतियातन सोसायटी ने नियम और सख्त कर दिये गए. पुलिस ने दोनों पक्षों की बात सुनी लेकिन कोई मामला दर्ज नहीं किया है. दोनों पक्षों को समझदारी अपनाने की सलाह देकर वापस भेज दिया गया.


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