कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली में 19 अप्रैल को 1 हफ्ते का लॉकडाउन लगाने की घोषणा की गई थी. जिसकी अवधि बढ़ाकर 24 मई कर दी गई है. इस दौरान दिल्ली से 8 लाख से ज़्यादा प्रवासी मजदूरों ने पलायन किया है. दिल्ली सरकार के परविहन विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में लॉकडाउन की अवधि के दौरान 19 अप्रैल से लेकर 14 मई तक कुल 8,07,032 मजदूरों को अलग-अलग बस अड्डों से बसों के ज़रिए उनके राज्य में भेजा गया.


8 लाख में से आधे से ज़्यादा प्रवासी मजदूर पहले हफ्ते में ही दिल्ली छोड़कर अपने राज्यों के लिये रवाना हो गए थे. पिछले साल लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के पलायन के दौरान जो अव्यवस्था फैली थी उसे देखते हुए इस बार दिल्ली सरकार ने पहले ही बसों के इंतज़ाम किये थे.


दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन के 4 हफ्ते के दौरान-


बस से अन्तर्राज्यीय यात्रा करने वाले लोगों की कुल संख्या- 8,07,032


बस से दिल्ली के अंदर यात्रा करने वाले लोगों की कुल संख्या- 8,27,905


(इनमें से ज़्यादातर वो मजदूर थे जिन्होंने बस अड्डों या रेलवे स्टेशन तक जाने के लिए बस ली) 


दिल्ली के तीन बस अड्डों आनंद विहार, कश्मीरी गेट और सराय काले खां से अन्तर्राज्यीय यात्रा करने वाले मजदूरों की संख्या-


पहले हफ्ते में-


आनंद विहार ISBT- 3,03,938
कश्मीरी गेट ISBT- 36,276
सराय काले खां ISBT- 39,390
कुल संख्या- 3,79,604


दूसरे हफ्ते में-


आनंद विहार ISBT- 1,80,384
कश्मीरी गेट ISBT- 14,624
सराय काले खां ISBT- 17,440
कुल संख्या- 2,12,448


तीसरे हफ्ते में-


आनंद विहार ISBT- 1,13,010
कश्मीरी गेट ISBT- 5,310
सराय काले खां ISBT- 4,170
कुल संख्या- 1,22,490


चौथे हफ्ते में- (10 मई से 14 मई तक)


आनंद विहार ISBT- 92,310
कश्मीरी गेट ISBT- 0
सराय काले खां ISBT- 180
कुल संख्या- 92,490


दिल्ली से दूसरे राज्यों में जाने वाले मजदूरों की संख्या-


पहले हफ्ते में- 3,79,604
दूसरे हफ्ते में- 2,12,448
तीसरे हफ्ते में-1,22,490
चौथे हफ्ते में- 92,490
दूसरे राज्यों में जाने वाले कुल मजदूरों की संख्या- 8,07,032


लॉकडाउन के दौरान बसों ने कुल 21,879 अन्तर्राज्यीय ट्रिप किये जिनमें से सबसे ज़्यादा 8,074 ट्रिप पहले हफ्ते में किये गए.


मजदूरों को उनके राज्यों तक पहुँचाने के लिए परविहन विभाग ने एक योजना तैयार की जिसके तहत:


- रेलवे स्टेशन और बस अड्डों तक मजदूरों को पहुँचाने के लिये लोकल ट्रैवेल के लिए दिल्ली के अंदर बसों के इंतज़ाम किये गए
- उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में लंबे इंटरस्टेट रुट पर चलने के लिए बसों के इंतज़ाम किये गए
- आनंद विहार बस अड्डे पर प्रबंधन के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया
- ट्रांसफर पॉइंटस पर हेल्पडेस्क फैसिलिटी की व्यवस्था की गई
- इमरजेंसी में अन्तर्राज्यीय रुट पर चलाने के लिए अतिरिक्त 500 क्लस्टर बसों की व्यवस्था की गई


प्रवासी मजदूरों को उनके राज्यों तक पहुँचाने के लिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्य सरकारों ने आपसी तालमेल के साथ अपने टर्मिनल पर खासकर अतिरिक्त बसों के इंतजाम किए थे. रिपोर्ट के मुताबिक पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर दिल्ली से 8 लाख प्रवासी मजदूरों को बिना किसी परेशानी के उनके गंतव्य तक पहुँचाया गया. इस दौरान ओवरचार्जिंग की कोई शिकायत नहीं मिली क्योंकि इंटरस्टेट बसें राज्य सरकारों द्वारा चलाई जा रही थीं. हालांकि इस लॉकडाउन के दौरान ट्रेन सेवा जारी रहने के चलते ज़्यादातर प्रवासी मजदूरों ने ट्रेन का इस्तेमाल किया.


आंख नाक ही नहीं पेट में भी हो सकता है ब्लैक फंगस का खतरा, समय रहते इलाज होने से बच सकती है मरीज की जान