मुम्बई: कोरोना के खिलाफ लड़ाई में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ सबसे बड़े कोरोना वारियर्स हैं. कोरोना से लड़ने के लिए अस्पतालों में डॉक्टर , नर्स व स्टाफ दिन रात काम कर रहें है. अपने डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ और नर्स का मनोबल बढ़ाने के लिए मुम्बई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने खुद नर्स बनकर ड्यूटी संभाली. दरअसल मुम्बई की मेयर राजनीति में आने से पहले मुम्बई के सरकारी अस्पताल में नर्स का काम करती थीं.

किशोरी पेडनेकर मुम्बई के वरली इलाके के एक वार्ड से नगरसेवक है जो BMC के G साउथ वार्ड में आता है. यह वही वार्ड है जहां मुम्बई में सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज सामने आए है . शिवसेना पार्टी से राजनीति करियर की शुरुआत करने से पहले किशोरी पेडनेकर मुम्बई के एक सरकारी अस्पताल में नर्स का काम करती थीं. साल 1992 तक और शिवसेना में शामिल होने के बाद भी कुछ वर्षों तक किशोरी पेडनेकर ने नर्स का काम किया.

मुम्बई के नायर अस्पताल में बतौर नर्स सांकेतिक ड्यूटी निभाने के बाद किशोरी पेडनेकर ने नर्सिग छात्राओं से मुलाकात की और मनोबल बढ़ाया. मेयर किशोरी पेडनेकर ने कहा की, 'कोरोना संकट से लड़ने में मेडिकल स्टाफ नर्स सबसे पहले सामने आते है और मुम्बई महानगर पालिका ने दूसरे और तीसरे वर्ष के स्टूडेंट को भी नर्सिंग स्टाफ के तौर पर जिम्मेदारी सौपी है इसलिए बतौर मेयर मुझे इनका मनोबल बढ़ाना था .'

58 साल की किशोरी पेडनेकर मुम्बई की 77वी मेयर हैं
किशोरी पेडनेकर मूल रूप से महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले की है पर दशकों से मुम्बई में रहती हैं. साल 2002, 2012 और 2017 में किशोरी पेडनेकर चुनाव जीतकर नगरसेविका चुनी गई . 2019 में किशोरी पेडनेकर को मुम्बई का मेयर चुना गया. किशोरी पेडनेकर मुम्बई महानगर पालिका के इतिहास में 88 वर्षों में पहली मेयर हैं जिनके खिलाफ 2019 के मेयर चुनाव में कोई उम्मीदवार नही खड़ा हुआ था.
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