नई दिल्ली: कोरोना वायरस के चलते विदेश में फंसे भारतीयों को देश वापसी के लिए भारतीय नौसेना ने‌ ऑपरेशन 'समुद्र-सेतु' लांच किया है. ऑपरेशन के पहले चरण के तहत नौसेना के दो बड़े युद्धपोत माले पहुंचे थे. उनमें से आईएनएय जलाश्व 692 भारतीयों (595 पुरूष,103 महिलाएं-जिनमें 19 गर्भवती है और 14 बच्चे) को लेकर केरल के कोच्चि के लिए रवाना हो चुका है.


नौसेना के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी फैलने के कारण भारत सरकार विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाना चाहती है. इसके लिए सरकार ने नौसेना को जरूरी इंतजाम करने का निर्देश दिया है. इसी के तहत नौसेना ने ऑपरेशन समुद्र-सेतु यानि समंदर में युद्धपोतों के जरिए ब्रिज यानी पुल बनाने का निर्णय लिया है.


जानकारी के मुताबिक, समुद्र सेतु ऑपरेशन के पहले चरण के लिए मालदीव से भारतीयों को लाने के लिए नौसेना ने अपने दो बड़े युद्धपोत, आईएनएस जलाश्व और आईएनएस मगर को मालद्वीप की राजधानी माले भेजा था.


हर भारतीय को 40 डॉलर किराए के तौर पर हाई कमीशन को देने होंगे
माले स्थित भारतीय हाई कमीशन की देखरेख में इन भारतीयों की वापस भेजा रहा है और इसके तहत पहले चरण में करीब दो हजार भारतीय वापस लाए जाएंगे. लेकिन वापस आने वाले भारतीयों को जरूरी मेडिकल स्क्रीनिंग होने के बाद ही भारत भेजा जा रहा है. आने वाले हर भारतीयों को 40 डॉलर किराए के तौर पर हाई कमीशन को देने होंगे‌.


माले से कोच्चि की दूसरी करीब 900 किलोमीटर है
नौसेना के मुताबिक, माले से सभी भारतीयों को कोच्चि (केरल) लाया जाएगा. दोनों ही युद्धपोत में क्रू और लोगों के लिए जरूरी राशन और दूसरा सामान मौजूद है. दोनों ही युद्धपोत में स्वास्थय-सुविधाएं मौजूद है और सोशल-डिस्टेंशिंग सहित कोरोना वायरस से जुड़े सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा. माले से कोच्चि की दूसरी करीब 900 किलोमीटर है.


खाड़ी और दक्षिण एशियाई देश रवाना हो सकते हैं भारतीय नौसेना के और युद्धपोत
माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में भारतीय नौसेना के और युद्धपोत खाड़ी और दक्षिण एशियाई देश रवाना हो सकते हैं ताकि वहां से भी फंसे हुए भारतीयों को लेकर स्वदेश लौटा जा सके. विदेश से लौटने वाले भारतीयों को लेकर रक्षा मंत्रालय ने कोच्ची सहित चेन्नई, विशाखापट्टनम, भोपाल, जैसलमेर और जोधपुर में कोरांटीन (क्वारंटीन) सेंटर बनाए हैं.


'समुद्र-सेतु' भारतीय नौसेना का तीसरा बड़ा ऑपरेशन है


'समुद्र-सेतु' भारतीय नौसेना का हाल के सालों में तीसरा बड़ा ऑपरेशन है जब फंसे हुए भारतीयों को विदेश से वापस लाया जाएगा. वर्ष 2015 में नौसेना ने यमन में हुए गृहयुद्ध के दौरान ऑपरेशन राहत लांच किया था. वर्ष 2006 में भी लेबनान से भारतीयों और दूसरे दक्षिण एशियाई नागरिकों को निकालने के लिए ऑपरेशन सुकून लांच किया था.


दिल्ली: दिवंगत कॉन्स्टेबल अमित भरत की पत्नी और बच्चा भी कोरोना पॉजिटिव, PGI सोनीपत में चल रहा है इलाज