नई दिल्ली: देश में एक बार फिर कोरोना वायरस के नए मामलों में हुई बढ़ोत्तरी के बीच आज उत्तर प्रदेश और ओडिशा सरकार ने केरल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से अपने राज्य में आने वाले लोगों के लिए नए नियम निर्धारित किए हैं. यूपी स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी दिशा निर्देशों में कहा गया है कि केरल और महाराष्ट्र से आने वाले जिन लोगों में भी कोरोना के लक्षण देखे जाएंगे, उनका आरटीपीसीआर टेस्ट अनिवार्य रूप से किया जाएगा.


इसके अलावा दिशानिर्देश में ये भी कहा गया है कि टेस्ट में निगेटिव आने के बाद भी ऐसे लोगों को सात दिनों तक क्वारंटीन में रहना होगा. इसके मद्देनज़र उत्तर प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों और कमिश्नरों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं.


ओडिशा सरकार भी सतर्क


कोरोना के खतरे को बढ़ता देख ओडिशा की सरकार ने भी नए नियम बना दिए हैं. अब महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, पंजाब, दिल्ली, चंडीगढ़, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से ओडिशा आने वाले लोगों के लिए सात दिनों का होम आइसोलेशन अनिवार्य कर दिया गया है. इन राज्यों में कोरोना की स्थिति को देखते हुए नवीन पटनायक की सरकार ने ये फैसला लिया है.


ओडिशा में बढ़ रहे हैं मामले


ओडिशा में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 94 नए मरीज सामने आने के बाद शुक्रवार को राज्य में संक्रमण के मामले बढ़कर 3 लाख 37 हज़ार 108 हो गए. अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने अधिकारियों को नए मामले में तीव्र वृद्धि को रोकने के लिए निगरानी और जांच बढ़ाने का निर्देश दिया है.


उन्होंने बताया कि नए मरीजों में से 56 नए क्वारंटीन केन्द्रों में मिले. अन्य 38 मरीज पहले से संक्रमित लोगों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की पहचान के क्रम में सामने आए. उन्होंने बताया कि संबलपुर जिले में सबसे अधिक 17 और बारगढ़ में सात नए मामले सामने आए. राज्य में कोरोना के नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.गुरुवार को 89, बुधवार को 68 और मंगलवार को 62 नए मरीजों का पता चला था. ओडिशा में मृतकों संख्या 1,915 बनी हुई है, जबकि उनमें 53 ऐसे मरीज थे, जिनकी मौत अन्य गंभीर बीमारियों से हुई.


राज्य में अभी 650 लोगों का कोरोना वायरस का इलाज चल रहा है और 3 लाख 34 हज़ार 400 लोग संक्रमण से ठीक हो चुके हैं. अभी तक 82.77 लाख नमूनों की कोरोना संबंधी जांच की जा चुकी है.


ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल, पूछा- एक जिले में तीन चरणों में वोटिंग क्यों?