नई दिल्ली: कई दिनों से विवादों में घिरी तब्लीगी जमात मरकज की इमारत को सुबह चार बजे के करीब खाली करवा दिया गया. पूरे देश में 100 से भी ज्यादा कोरोना से संक्रमित मामलों के तार सीधे निजामुद्दीन मरकज से जुड़े हैं. जिसके बाद प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया है. करीब 2100 लोगों को यहां से बाहर निकाला गया है.


इस मरकज से जुड़े 6 से भी ज्यादा लोगों की मौत के बाद सोमवार से ही मरकज के अंदर फंसे लोगों को निकालने की कार्रवाई जारी थी. जिसके बाद मरकज की 6 मंजिला इमारत को सैनिटाइज किया गया. एमसीडी की एक टीम पहुंची जिसने कैमिकल का छिड़काव किया. इसके बाद मरकज के साथ-साथ उसके आस पास से गुजरने वाले रास्तों को भी सील कर दिया गया है.


राजधानी दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्थित मरकज में 8 से 10 तारीख तक तब्लीगी जमात में हिस्सा लेने के लिए दो हजार से ज्यादा लोग पहुंचे थे. इसमें देश के अलग-अलग राज्यों और विदेश से कुल 1830 लोग मरकज में शामिल हुए, जबकि मरकज के आसपास व दिल्ली के करीब 500 से ज्यादा लोग थे. तब्लीगी जमात के इस कार्यक्रम में 200 से ज्यादा विदेशी लोगों के शामिल होने की खबर है.


जहां एक तरफ पूरे देश में लॉकडाउन घोषित हो गया वहीं इस आयोजन के चलते कोरोना के संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. खास कर अगर हम निजामुद्दीन की बात करें तो ये इलाका भीड़भाड़ वाला है यानि कि आस पास काफी लोग रहते भी हैं उन्हें भी कोरोना के संक्रमण का खतरा हो सकता है. सूत्रों की माने तो मरकज के आस पास दुकान लगाने वालों की भी कोरोना की जांच की जा सकती है.


इस मामले में मरकज की संस्था की ही बड़ी लापरवाही है. फिलहाल उन लोगों की तलाश की जा रही है. जो मरकज में मौजूद थे उनका टेस्ट करवा कर अस्पताल और आइसोलेशन सेंटर्स में भेज दिया गया है. कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है इस बीच मरकज के अध्यक्ष मौलाना साद और उनके अन्य कर्मचारियों के खिलाफ एपिडेमिक डिजीज एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.


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