नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस के 29 मामलों की पुष्टि के बाद कई जगहों में डर का माहौल है. लोग इस वायरस से बचने के लिए काफी सतर्कता बरत रहे हैं. इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर जरूरी ना हो तो विदेश यात्रा पर ना जाएं.
कोरोना वायरस के प्रकोप और भारत में इसके प्रभाव पर जानकारी देते हुए राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने कहा, ''स्थिति की निगरानी मंत्रालय और पीएम रोजाना कर रहे हैं. मैं भी रोजाना स्थिति की समीक्षा कर रहा हूं. मंत्रियों का एक समूह भी स्थिति की निगरानी कर रहा है."
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "कुल 29 मामलों में तीन केरल के हैं, जो अब पूरी तरह से रिकवर हो चुके हैं. दिल्ली में एक और मामले की पुष्टि हुई है जो इटली की यात्रा करके आया है.'' हर्षवर्धन ने संसद को बताया, ''भारत ने डब्ल्यूएचओ की सलाह से बहुत पहले 17 जनवरी से आवश्यक तैयारी और कार्रवाई शुरू कर दी थी.'' केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने राज्यसभा को सूचित किया कि 4 मार्च तक लगभग 6,11,176 यात्रियों की अलग-अलग जगहों पर जांच की गई है.
बता दें बुधवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वयरस के बढ़ते मामले को देखते हुए स्कूलों के लिए एडवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी में कहा गया है कि स्कूल यह कोशिश करें कि बच्चों की एक जगह पर गैदरिंग ज्यादा ना हो. स्कूल में संभव हो तो एल्कोहल बेस्ट हैंड सेनिटाइजर या क्लीनर रखें. वही स्कूल के टॉयलेट्स में साबुन और पानी की उपलब्धता रखें. टीचर्स स्कूल के बच्चों को बेसिक सैनिटेशन सिखाएं, लगातार हाथ धोने, खांसते वक्त वक्त मुंह को ढकने और इस्तेमाल किए गए टिशु को डस्टबिन में फेंकने जैसी बातें बताएं. वहीं अगर कोई बच्चा, टीचर या स्टाफ कोरोना प्रभावित देश से पिछले 28 दिनों में आया है तो उसके मॉनिटरिंग करें और आइसोलेशन में 14 दिनों के लिए घर में रखें.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जो एडवाइजरी जारी की है उसमें ये भी कहा गया है कि अगर टीचर किसी बच्चे को बुखार सर्दी इस तरह के लक्षण दिखाई दे तो तुरंत माता-पिता से बात करें और टेस्ट के लिए कहें. स्कूल क्लास रूम में लगे स्विच, डोर नॉब्स, रैलिंग्स, ग्रिल्स इस तरह की चीज जहां बार-बार हाथ लगते हैं उन्हें डिसइनफेक्ट करवाएं, अगर किसी टीचर स्टाफ या बच्चों में कोई ऐसे लक्षण नजर आते हैं तो वह इसकी जानकारी हेल्पलाइन पर भी दे सकते हैं.
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