नोएडा प्राधिकरण की मुहिम लोगों को न हो खाने पीने की किल्लत, सोशल डिस्टेनसिंग पर हो अमल
नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के मुताबिक प्राधिकरण की कोशिश यही है की नोएडा की जनता को खाने-पीने कि किसी भी तरह की दिक्कत ना हो. अलग-अलग इलाकों में सरकारी वाहनों के जरिए सामान पहुंचाया जा रहा है.
नई दिल्ली: देशभर में कोरोना के कुछ जो हॉटस्पॉट सामने आए हैं उनमें से एक नाम दिल्ली से सटे नोएडा का भी है. नोएडा में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 55 तक पहुंच गई है. इसी को देखते हुए प्रशासन पूरा मुस्तैद नजर आ रहा है. नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ऋतु महेश्वरी के मुताबिक अब कोशिश की जा रही है कि जो गरीब तबके के लोग हैं उनको घर बैठे ही राशन मुहैया कराया जाए जिससे कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके.
नोएडा प्राधिकरण की कोशिश रिहायशी इलाकों में न हो खाने पीने के सामान की दिक्कत
नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहा कि प्राधिकरण लगातार ये कोशिश कर रहा है कि नोएडा की जनता को खाने-पीने कि किसी भी तरह की दिक्कत ना हो. अलग-अलग इलाकों में सरकारी वाहनों के जरिए सामान पहुंचाया जा रहा है इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है की रिहायशी इलाकों में खाने पीने के सामान की जो दुकानें हैं वहां पर भी सामान की उपलब्धता बनी रहे जिससे कि लोगों को परेशानी का सामना ना करना पड़े. इसी को ध्यान में रखते हुए एक आईवीआर नंबर भी जारी किया गया है जिस पर लोग जरूरत के वक्त पर अपनी बात कह कर मदद मांग सकते हैं.
गरीब तबके से जुड़े लोगों के घरों तक पहुंच रहा है राशन और खाना
रितु माहेश्वरी के मुताबिक समाज के निचले तबके जिसके रोजगार पर लॉक डाउन की वजह से खासा फर्क पड़ा है उसको तैयार खाने के अलावा राशन भी मुहैया कराया जा रहा है. रितु का कहना है कि कोशिश की जा रही है कि लोगों को राशन उनके घर पर ही हैं दिलवा दिया जाए जिसे की उनको बाहर निकले की जरूरत ना पड़े.
संक्रमित लोगों के सम्पर्क में आये लोगों की पहचान पर किया गया है क्वॉरेंटाइन
रितु माहेश्वरी यह भी बताया कि नोएडा में आए अधिकतर मामले शुरुआती तौर पर एक ही कंपनी यानी कि सीज़ फायर कंपनी के कर्मचारियों से जुड़े हुए थे. उस कंपनी के कई कर्मचारी विदेशी दौरों से आए थे और उस दौरान उनको क्वॉरेंटाइन किया जाना चाहिए था लेकिन हुए नहीं. जिसकी वजह से कई और लोग उनके संपर्क में आए और इस तरह से नोएडा हॉटस्पॉट बन गया. हालांकि अब प्रशासन यह कोशिश कर रहा है कि जितने भी लोग ऐसे लोगों के संपर्क मेल रहे हैं उनको क्वॉरेंटाइन किया जाए जैसे कि और मामलों को बढ़ने से रोका जा सके.
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