Coronavirus: 90 फीसदी असरदार पाई गई नोवावैक्स वैक्सीन, भारत में सीरम इंस्टिट्यूट करेगा निर्माण
सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) नोवावैक्स की मैनुफैक्चरिंग की भी पार्टनर होगी. नोवावैक्स ने कहा कि उसकी योजना सितंबर अंत तक अमेरिका, यूरोप और अन्य जगहों पर टीके के इस्तेमाल के लिए मंजूरी लेने की है.टीका वायरस के कई स्वरूपों पर असरदार रहा जिनमें ब्रिटेन में सामने आया स्वरूप भी शामिल है, जो अमेरिका में काफी फैला है. साथ में यह टीका उच्च खतरे वाले समूह पर भी प्रभावी रहा.
वाशिंगटन: टीका निर्माता नोवावैक्स ने कहा है कि उसका टीका कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ अत्याधिक प्रभावी है और यह वायरस के सभी स्वरूपों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है. यह बात अमेरिका और मेक्सिको में किए गए बड़े और आखिरी चरण के अध्ययन में सामने आई है. कंपनी ने कहा कि टीका कुल मिलाकर करीब 90 फीसदी असरदार है और शुरुआती आंकड़ें बताते हैं कि यह सुरक्षित है. हालांकि अमेरिका में कोरोना रोधी टीकों की मांग में कमी आई है, लेकिन दुनिया भर में अधिक टीकों की जरूरत बनी हुई है. नोवावैक्स टीके को रखना और ले जाने आसान है और उम्मीद की जा रही है कि यह विकासशील देशों में टीके की आपूर्ति को बढ़ाने में अहम किरदार निभाएगा.
भारत में सीरम इंस्टिट्यूट करेगा टीके का निर्माण
बता दें कि भारत में वैक्सीन का उत्पादन कर रही सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) नोवावैक्स की मैनुफैक्चरिंग की भी पार्टनर होगी. नोवावैक्स ने कहा कि उसकी योजना सितंबर अंत तक अमेरिका, यूरोप और अन्य जगहों पर टीके के इस्तेमाल के लिए मंजूरी लेने की है और तबतक वह एक महीने में 10 करोड़ खुराकों का उत्पादन करने में सक्षम होगी. नोवावैक्स के मुख्य कार्यपालक स्टेनली एर्क ने एपी से कहा, “ हमारी शुरूआती कई खुराकें निम्न और मध्य आय वाले देशों में जाएंगी.”
कैसे हुआ अध्ययन?
‘आवर वर्ल्ड इन डेटा’ के मुताबिक, अमेरिका की आधी से ज्यादा आबादी कोरोना रोधी टीके की कम से कम एक खुराक ले चुकी है, जबकि विकासशील देशों में एक फीसदी से भी कम लोगों ने टीके की एक खुराक ली है. नोवावैक्स के अध्ययन में अमेरिका और मेक्सिको में 18 साल और इससे ज्यादा उम्र के करीब 30,000 लोग शामिल थे, उनमें से दो तिहाई को तीन हफ्तों के अंतराल पर टीके की दो खुराकें दी गईं जबकि शेष को अप्रभावी (डमी) टीका दिया गया. कोरोना के 77 मामले आए, जिनमें से 14 उस समूह से थे जिन्हें टीका दिया गया जबकि शेष मामले उनमें थे जिन्हें अप्रभावी (डमी) टीका दिया गया था. टीका लगवाने वाले समूह में किसी की भी बीमारी मध्यम या गंभीर स्तर पर नहीं पहुंची.
टीका वायरस के कई स्वरूपों पर असरदार रहा जिनमें ब्रिटेन में सामने आया स्वरूप भी शामिल है, जो अमेरिका में काफी फैला है. साथ में यह टीका उच्च खतरे वाले समूह पर भी प्रभावी रहा, जिनमें बुजुर्ग और स्वास्थ्य दिक्कतों का सामना करने वाले लोग शामिल हैं.
नोवैक्स टीके को फ्रिज के मानक तापमान पर रखा जा सकता है
एर्क ने कहा कि इसके दुष्प्रभाव अधिकतर मामूली थे और इंजेक्शन लगने वाली जगह पर दर्द हुआ. खून के थक्के जमने या दिल की समस्या का पता नहीं चला. नोवावैक्स ने परिणाम प्रेस विज्ञप्ति में बताए हैं और उसकी योजना इसे चिकित्सा जर्नल में प्रकाशित करने की है जहां स्वतंत्र विशेषज्ञ इसकी जांच करेंगे. नोवैक्स टीके को फ्रिज के मानक तापमान पर रखा जा सकता है और यह वितरण करने में आसान है.
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