नई दिल्ली: ब्रिटेन के न्यू कोविड-19 वैरिएंट को सामान्य कोरोना वायरस से ज़्यादा ख़तरनाक माना जा रहा है क्योंकि ब्रिटेन के जिन इलाक़ों में ये पाया गया है वहां संक्रमण अपेक्षाकृत काफ़ी अधिक फैल गया है. ब्रिटेन का ये करोना स्ट्रेन 8 अन्य देशों में भी फैल चुका है. लेकिन इनमें से साउथ अफ़्रीका एक ऐसा देश है जहां इस कोविड स्ट्रेन को ब्रिटेन वाले करोना वायरस से भी ज़्यादा ख़तरनाक माना जा रहा है.
क्या साउथ अफ़्रीका के यात्री न्यू कोविड स्ट्रेन को ला सकते हैं भारत?
इस मामले में हम ख़ुशक़िस्मत हैं. दरअसल, साउथ अफ़्रीका के साथ फ़्लाइट्स को लेकर भारत का कोई समझौता नहीं है यानी कोई एयर बबल स्थापित नहीं हुआ है. इसलिए साउथ अफ़्रीका से कोई फ़्लाइट भारत नहीं आ रही है. मार्च के बाद से साउथ अफ़्रीका से कोई फ़्लाइट भारत नहीं आई है.
डब्लूएचओ की हिदायत: अफ़वाह से दूर रहें
ब्रिटेन के न्यू कोविड स्ट्रेन से फैली दहशत के बीच डब्लूएचओ ने साफ़ किया है कि अभी ये सिद्ध नहीं हुआ है कि ब्रिटेन का कोविड स्ट्रेन बेकाबू या अधिक ख़तरनाक है. अभी तक ऐसा सिर्फ़ इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि ये जिन इलाक़ों में फैला है वहां संक्रमण की दर ज़्यादा है. अभी ये भी पुख़्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता कि साउथ अफ़्रीका का कोविड वायरस ब्रिटेन से भी ज़्यादा ख़तरनाक है. और न ही बात के कोई सबूत हैं कि साउथ अफ़्रीका से ही ये ब्रिटेन पहुंचा है.
दरअसल जो उपाय हम करोना से लड़ने के लिए सामान्यतः करते आ रहे हैं उन्हीं उपायों को सख़्ती से बरतने की ज़रूरत है लेकिन घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है.
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