नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे पर सरकार की ओर से उठाए गए कदमों और आगे की तैयारी की समीक्षा के लिए मंगलवार को संसद की एक स्थायी समिति की बैठक हुई. बैठक का एजेंडा तो दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में कोरोना के खतरे की समीक्षा करना था लेकिन सूत्रों के मुताबिक, पूरे देश में इस बीमारी को लेकर चर्चा हुई.


लैब की संख्या नाकाफ़ी


बैठक में कई सदस्यों ने बीमारी की जांच को लेकर सरकार की तैयारियों के बारे में जानना चाहा. आम आदमी पार्टी के सांसद और समिति के सदस्य संजय सिंह ने बैठक में मौजूद स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों से जानना चाहा कि देश में फ़िलहाल बीमारी की जांच के लिए कितने लैब हैं और इनमें रोज़ाना कितने लोगों की जांच हो पा रही है.


मंत्रालय के अधिकारियों ने जो जानकारी दी उसके मुताबिक़ फ़िलहाल 65 मान्यता प्राप्त लैब हैं जिनमें रोज़ाना क़रीब 2000 लोगों की जांच हो रही है. सूत्रों के मुताबिक, कई सांसदों ने लैब की इतनी कम संख्या पर चिंता जताते हुए इसे नाकाफ़ी बताया और इसे बढ़ाने की मांग की. अधिकारियों ने बताया कि फ़िलहाल देश में जांच के लिए 70000 टेस्ट किट उपलब्ध हैं और इनकी संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है.


प्राइवेट लैब में भी जांच की हो सुविधा


सूत्रों के मुताबिक, ज़्यादातर सदस्यों ने सरकार से बीमारी की जांच के लिए कुछ प्राइवेट लैब सेंटर की भी सेवाएं लेने का सुझाव दिया. सरकार ने कहा कि इस बारे में आईसीएमआर यानि इंडियन काउंसिल फ़ॉर मेडिकल रिसर्च विचार कर रहा है. हालांकि, ज़्यादातर सांसदों ने प्राइवेट लैब में जांच की फ़ीस को लेकर सरकार को सजग रहने को कहा. स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने समिति को बताया कि ओडिसा सरकार विदेश से लौटने वाले अपने सभी राज्य वासियों को 15000 रुपया दे रही है ताकि वो अपनी जांच प्राइवेट लैब में करवा सकें.


हेमा मालिनी ने आगरा के केस के बारे में पूछा


बीजेपी सांसद हेमामालिनी ने बैंगलुरु से आगरा पहुंची उस महिला के बारे में सवाल उठाया जो सुर्खियों में रही थीं. हेमामालिनी ने पूछा कि पहले हवाई जहाज से बैंगलुरु से दिल्ली और फिर ट्रेन से दिल्ली से आगरा पहुंचने वाली महिला के सम्पर्क में जितने लोग आए थे तो क्या उन लोगों की भी जांच हुई है? सरकार ने जवाब दिया कि सबका पता लगाकर जांच की जा रही है.


चार राज्यों के अधिकारी थे मौजूद


बैठक की शुरुआत में समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने स्वास्थ्य मंत्रालय और सरकार की सभी एजेंसियों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की. शहरी विकास मंत्रालय से जुड़ी संसदीय स्थायी समिति की बैठक में स्वास्थ्य और शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारी शामिल हुए. इसके अलावा दिल्ली, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और हरियाणा के अधिकारियों के साथ साथ दिल्ली के तीनों नगर निगमों के मेयर भी बैठक में मौजूद थे. बैठक में जगदम्बिका पाल के अलावा संजय सिंह, हेमा मालिनी, गौतम गम्भीर और कई अन्य सांसद भी शरीक हुए.