दिल्ली: देश भर में कोरोना मरीज़ों की संख्या अब 56 लाख के पार पहुंच चुकी है. ऐसे में एक चिंताजनक बात ये भी सामने आ रही है के कोरोना से ठीक हुए मरीज़ो को एक बार दोबारा कोरोना अपनी चपेट में ले रहा है.
कुछ ऐसा ही मामला मुंबई में सामने आया जहां 4 स्वास्थकर्मियीं को जो कोरोना से ठीक हो चुके थे एक बार फिर कोरोना ने उनको अपनी चपेट में ले लिया. लेकिन ध्यान देने वाली बात तो ये है के इन सभी मरीज़ों को लक्षण पहली बार हुए संक्रमण से ज़्यादा थे.
दरअसल लान्सेंट मेडिकल जर्नल के की गई स्टडी में ये पता चलता है के ना केवल कोरोना से ठीक हुए मरीज़ो को दोबारा कोरोना का शिकार होना पड़ रहा है बल्कि इन मरीज़ों के अंदर आए कोरोना के लक्षण भी पहली बार हुए संक्रमण से ज़्यादा है. इन 4 मरीज़ों में से एक बी. एम. सी अस्पताल और एक हिन्दू राव अस्पताल से है.
इस रिसर्च में हॉस्पिटल के साथ साथ इंस्टिट्यूट ऑफ़ जेनोमिक्स एंड इंटरग्रटीव बायोलॉजी (IGIB) और इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एंड बायोटेक्नोलॉजी (ICGEB) शामिल रहे, एक जीनोम में 39 म्यूटेशन्स रहे. इस रिसर्च के लिए चार सैंपल पहले हुए संक्रमण के लिए गए और दूसरे से भी 4 सैंपल लिए गए.
डॉक्टर्स फॉर यू आर्गेनाइजेशन के प्रेजिडेंट डॉक्टर रजत से जब दोबारा संक्रमण होने की वजह पूछी गई तो उन्होंने बताया कि, कई कारण है दोबारा संक्रमण के कोरोना से लड़ने के लिए हमारी बॉडी में जो एंटी बॉडी बनती है वो परमानेंट नहीं होती जब वो एंटीबॉडीज़ ख़त्म हो जाते हैं तब दोबारा इन्फेक्शन होने के चांस भी होते है.
दूसरा तो यह है कि अगर वायरस म्यूटेट हो जाए याने के उसके नेचर में बदलाव आए, उसके सीक्वेंस में बदलाव तब भी बॉडी दोबारा संक्रमित हो सकती है इस वजह से जिनको भी इन्फेक्शन हुआ है उन्हें दोबारा इन्फेक्शन का खतरा लगा रहता है. आगे वो कहतें हैं कि कोरोना वायरस को बड़ा ही स्लीपरी वायरस कहा जाता है क्यूंकि वो जल्दी म्यूटेट कर रहा है. उसके जो जीन है उसमें भी बदलाव होता है जिस वजह से दोबारा लोग संक्रमित हो रहें है.
वहीं लोगों कि लापरवाही पर डॉक्टर कहतें हैं, जो लोग एक बार पुराना से संक्रमित होने के बाद ठीक हो जाते हैं वह लापरवाही करने लग जाते हैं. लेकिन साफ है कि पुराना में दोबारा भी संक्रमित कर सकता है ऐसे में सारे बचाव लेने चाहिए. इन कोरोना कि चपेट में दोबारा आए मरीज़ों को अस्पताल में भर्ती कर लिया गया है. पहले संक्रमण से ज़्यादातर उनके दूसरे संक्रमण के लक्षण है.
आज से कुछ दिन पहले नोएडा के जिम्स में भी अब तक का पहला केस आया था
उस समय भी डॉक्टर का यही कहना था कि म्यूटेशन में बदलाव की वजह से कोरोना वायरस फर्नीचर भी बदल रहा है ऐसे में जो मरीजों की एंटीबॉडी समाप्त होती है तो उनको दोबारा संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.
ऐसे में लोगों को चिंता की जरूरत नहीं है बस केवल महत्वपूर्ण काम से बाहर जाए वह सभी तरह की नियमों का पालन करें.
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