नई दिल्ली: चीन के वुहान से फैले नोवल कोरोना वायरस या COVID-19 ने दुनिया को अभूतपूर्व तालाबंदी के मुहाने पर पहुंचा दिया है. अपना घर बचाने की जुगत में विश्व के अधिकतर देशों ने बाहरी मुल्कों से आवाजाही को काफी सीमित कर दिया है.


भारत ने कुछ खास वीज़ा श्रेणियों को छोड़ सारे देशों को जारी किए गए मौजूदा वीज़ा एक माह के लिए निलंबित कर दिए हैं. इस वैश्विक महामारी ने जहां दुनिया के सामने स्वास्थ्य संकट पैदा कर दिया है. वहीं इससे होने वाले आर्थिक नुकसान का दायरा इतना बड़ा है जिससे उबरने में दुनिया की अर्थव्यवस्था को लंबा वक्त लग सकता है.


कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच भारत ने अपनी सरहदों पर सख्त पाबंदियां लगाई हैं. इस कड़ी में लगाई गए ताजा वीजा नियंत्रण के तहत दुनिया से आने वाले 80 फीसद से अधिक ट्रैफिक को रोकने की कोशिश की गई है. गत 11 मार्च को जारी ताजा ट्रेवल प्रतिबंधों के के जरिए भारत ने राजनयिक, अंतरराष्ट्रीय संगठन, प्रोजेक्ट व रोजगार को छोड़कर अन्य सभी श्रेणियों के लिए पूर्व में जारी वीजा 15 अप्रैल तक के लिए रद्द कर दिए हैं.


यानी इसका सीधा अर्थ है कि पर्यटन, कारोबार, कॉन्फ्रेंस, धार्मिक कार्य, फ़िल्म निर्माण या पत्रकारिता जैसे कामों के लिए आने वाले किसी भी विदेशी नागरिक का भारत आना फिलहाल संभव नहीं है. इसके अलावा भारत ने पड़ोसी मुल्कों के साथ लगने वाली अपनी 37 जमीनी सीमाओं में से 18 को बंद कर दिया है.


अंतरराष्ट्रीय यातायात की इजाजत 14 मार्च मध्यरात्रि के बाद केवल 19 सीमा चैक-पाइंट्स पर ही दी जा रही है. इतना ही नहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी ताजा यात्रा एडवाइजरी में विदेशों में मौजूद भारतीयों से भी गैर-जरूरी भारत यात्रा टालने को कहा है.


इस तरह के कदम उठाने वाला भारत अकेला मुल्क नहीं हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ने जहां कोविड19 को राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया है. वहीं अमेरिका ने ब्रिटेन को छोड़कर सभी यूरोपीय मुल्कों के नागरिकों के सामान्य यातायात के लिए अपने दरवाज़े बंद कर चुका है.


इन देशों से वाले अमेरिकी नागरिकों को भी कुछ विशेष हवाई अड्डों पर ही आगमन की इजाज़त दी गई है. वहीं सऊदी अरब ने जहां अपने सभी नागरिकों को वापस लौटने को कहा है. साथ ही कई देशों के लिए सभी उड़ानों को भी रद्द कर दिया है. खाड़ी में कतर ने भी भारत, फिलिपींस, पाकिस्तान, दक्षिण कोरिया समेत 10 देशों के नागरिकों के आने पर फिलहाल रोक लगा दी है.


नागरिक उड्डयन क्षेत्र पर नजर रखने वाली संस्था सेंटर फॉर एविएशन के मुताबिक दक्षिण कोरिया में कोविड19 वायरस संक्रमण के कारण दुनिया के करीब 100 मुल्कों ने कोरियाई लोगों की आवाजाही पर नियंत्रण लगा दिए हैं. इसके चलते दक्षिण कोरिया से चलने वाली 90 फीसद उड़ानें रद्द हो गई हैं.


ऑस्ट्रेलिया ने 11 मार्च 2020 को इटली से होने वाली लोगों की आवाजाही पर पाबंदियां लगा दी हैं. साथ ही ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन ने सभी नागरिकों को गैर-जरूरी यात्राएं टालने की सलाह दी है. अनुमान है कि केवल फरवरी 2020 में ही चीन की विमानन कंपनी चायना एयर को करीब 3 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा है.


कोरोना वायरस संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित चीन, इटली, ईरान से आने वाले लोगों को भारत समेत अधिकतर देशों में अनिवार्य क्वारंटीन में रखा जा रहा है. वहीं इन देशों के लिए अधिकतर मुल्कों से चल रही उड़ान सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं.


विश्व स्वास्थ्य संगठन के ताजा आंकड़ों के मुताबिक कोविड19 वायरस दुनिया के 129 देशों के अपनी चपेट में ले चुका है. इसके मरीजों का आंकड़ा करीब डेढ़ लाख तक पहुंच रहा है वहीं कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 5 हजार से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं.


वैश्विक महामारी की शक्ल अख्तियार कर चुके कोविड19 ने बीते एक हफ्ते के दौरान ही 400 से अधिक लोगों को लील लिया है. भारत में भी कोरोना वायरस मरीजों की संख्या 80 से ज्यादा हो चुकी है और दो लोगों की मौत दर्ज की जा चुकी है.


केवल लोगों की ही नहीं खाद्य सामग्री और साजोसामान का अंतरराष्ट्रीय कारोबार भी कोविड19 के कारण खासा प्रभावित हुआ है. अंतरराष्ट्रीय खाद्य संगठन जनवरी और फरवरी 2020 के दौरान डेयरी उत्पादों और चीनी के दाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़े हैं. दुग्ध उत्पादों के दाम में पिछले साल के मुकाबले जहां करीब 9 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वहीं चीनी के दामों में भी 5 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.


भारतीय निर्यातक संघ के अध्यक्ष शरद कुमार सराफ के मुताबिक भारत के निर्यात आंकड़ों में फरवरी 2020 के दौरान 2.9 की बढ़ोतरी दर्ज की गई. कोरोना वायरस संकट के बीच वृद्धि उत्साहजनक है. मगर कोविड19 के कारण वैश्वक स्तर पर आर्थिक माहौल खराब हुआ है. ऐसे में मार्च के बाद आंकड़ों में गिरावट की आशंका है.


भारत जिन वस्तुओं का निर्यात करता है उनके 30 में से 16 बाजार क्षेत्र ऐसे हैं जो कोरोना प्रभावित मुल्कों में हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सप्लाई चेन बाधाओं के चलते भारत का आयात भी काफी हद तक प्रभावित होगा.


ऐसे में भारत के सामने घरेलू मोर्चे पर स्वास्थ्य चिंताओं के निदान के साथ ही आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने की भी चुनौती है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक भारत के लिए अगले एक महीने का वक्त खासा महत्वपूर्ण है.


यदि इस दौरान बेहतर जागरुकता से भारत कोरोना संक्रमण को फैलने से रोक पाया तो यह संकट बिना किसी बड़े नुकसान के बीत जाएगा. मगर ऐसा न हो सकता तो इससे होने वाले नुकसान का दायरा बहुत बड़ा होगा.


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