Coronavirus: इटली और साउथ कोरिया से भारत आने वाले लोगों को दिखाना होगा 'नो कोरोना सर्टिफिकेट'
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि यह 10 मार्च की रात 12 बजे से प्रभावी होगा. इटली और साउथ कोरिया से भारत आने वाले लोगों को नो कोरोना सर्टिफिकेट दिखाना होगा.
नई दिल्ली: इटली और साउथ कोरिया से भारत आने वाले लोगों को अब नो कोरोना सर्टिफिकेट यानी कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं होने सर्टिफिकेट दिखाना होगा. ये अनिवार्य है. उन्हें अपने-अपने देश के हेल्थ ऑथोरिटी से सर्टिफाइड लैब से ये प्रमाणपत्र लेना होगा. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को को कहा कि भारत ने इटली और दक्षिण कोरिया से आने वालों या वहां की यात्रा कर चुके लोगों के लिए अतिरिक्त वीजा पाबंदियां लगाई हैं.
मंत्रालय ने एक ट्रैवेल एडवाइजरी में कहा है कि यह 10 मार्च की रात 12 बजे से प्रभावी होगा और कोरोना वायरस के मामलों में कमी आने तक यह एक अस्थायी उपाय है. भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के अब तक 30 मामलों की पुष्टि हुई है जिनमें 16 इतालवी पर्यटक शामिल हैं. कुल संख्या में केरल में पिछले महीने सामने आए तीन मामले भी शामिल हैं हालांकि उनके स्वस्थ होने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
सरकार ने अब तक भारत में प्रवेश नहीं करने वाले इटली, इरान, दक्षिण कोरिया, जापान के नागरिकों को तीन मार्च या इससे पहले दिये गए वीजा/ई-वीजा को सस्पेंड कर दिया है. एडवाइजरी के मुताबिक सरकार ने अब तक भारत में एंट्री नहीं करने वाले और तीन मार्च या इससे पहले जापानियों और दक्षिण कोरिया के नागरिकों को जारी ‘आगमन वीजा’ भी सस्पेंड कर दिया है. जिन लोगों के लिए भारत की यात्रा करना जरूरी है, वे नजदीकी दूतावास/ वाणिज्य दूतावास से नया वीजा मांग सकते हैं.
चीन के नागरिकों को पांच फरवरी या उससे पहले जारी नियमित (स्टीकर) वीजा/ ई-वीजा पहले ही सस्पेंड कर दिया गया है. यह सस्पेंशन प्रभावी रहेगा. एडवाइजरी में कहा गया है कि चीन, ईरान, इटली, दक्षिण कोरिया और जापान की 1 फरवरी या इसके बाद यात्रा करने वाले सभी विदेशी नागरिकों को जारी नियमित (स्टीकर) वीजा/ई -वीजा तत्काल प्रभाव से सस्पेंड है.
इसमें यह भी कहा गया है कि राजनयिक, यूएन और दूसरे अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के अधिकारियों, ओसीआई कार्ड धारक और ऊपर उल्लेखित देशों के एयरक्रू को भारत में एंट्री के लिए इस तरह के प्रतिबंध से छूट दी गई है. हालांकि, उनकी मेडिकल स्क्रीनिंग अनिवार्य है.
इसके अलावा, स्वास्थ्य मंत्रालय ने चार मार्च से सभी विदेशी नागरिकों की स्क्रीनिंग का आदेश दिया है और बुधवार शाम से यह अधिकतर एयरपोर्ट पर शुरू हो गया है. इससे पहले, सिर्फ 12 देशों से आने वाले यात्रियों की हवाईअड्डों पर स्क्रीनिंग की जा रही थी.