मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को राज्यभर में कर्फ्यू का ऐलान तो कर दिया लेकिन इसपर अमल करवाने के लिये पुलिस को पापड़ बेलने पड़ रहे हैं. कई इलाकों में लोग बेवजह घर से बाहर निकलने से बाज नहीं आ रहे. कुछ जगहों पर पुलिस ऐसे लोगों को समझा कर घर भेज रही है तो कई जगहों पर सख्ती दिखाती हुई भी नजर आई.


मुंबई के डोंगरी इलाके के एसीपी अविनाश धर्माधिकारी सोमवार से अपने इलाके में घूमघूमकर कार पर लगे लाऊडस्पीकर के जरिये लोगों से घर में रहने की अपील कर रहे हैं. टेमकर स्ट्रीट नाम की एक गली में कर्फ्यू के बावजूद बड़े पैमाने पर लोग एक मस्जिद में नमाज के लिये जमा हुए. धर्माधिकारी ने सख्ती दिखाते हुए उन्हें बाहर निकाला और मस्जिद के दरवाजे पर ताला लगवा दिया. मस्जिद के ट्रस्ट के खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज किया गया. कई इलाकों में जब वे भीड़ भगाने के लिये पहुंचे तो लोगों ने उनका घेराव कर लिया. उनके साथ लोग बहस करने लगे और उनसे गाली गलौच की.


धर्माधिकारी ने कहा, ''ज्यादातर लोग ये मानते हैं कि उन्हें कुछ नहीं होगा. हम उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि मामला कितना गंभीर है और इस बीमारी को हल्के में नहीं लेना चाहिये. जो लोग हमारी बात नहीं सुनेंगे उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जायेगा.''


धर्माधिकारी फिलहाल कर्फ्यू के आदेश का उल्लंघन करते हुए लोगों से नरमी से पेश आते नजर आये, लेकिन दूसरे इलाकों में पुलिसकर्मियों का रवैया सख्त दिखा. अगर कोई भी सड़क पर दिखता है तो पुलिस उसकी डंडों से पिटाई कर देती है, थप्पड़ लगाती है या कान पकड़ कर उठक बैठक करवाती है. इस तरह की सख्ती की खबरें मुंबई के अलावा महाराष्ट्र के दूसरे इलाकों से भी आ रहीं हैं.


सोमवार से जारी कर्फ्यू के तहत न केवल राज्य की सभी सीमाएं सील कर दी गईं हैं बल्कि महाराष्ट्र के सभी जिलों की सीमाएं भी बंद कर दी गईं हैं. किसी को भी एक शहर से दूसरे शहर जाने नहीं दिया जा रहा. लोकल ट्रेनें और सरकारी बसों की आवाजाही भी बंद कर दी गई है. हालांकि इन तमाम बंदिशों के बीच कई लोगों को छूट भी दी गई है जैसे कि खाने-पीने की सामग्री लाने, ले जाने वाले, डॉक्टर्, नर्स, सरकारी अधिकारी, मुंबई महानगरपालिका के कर्मचारी और पत्रकार.


कई ठिकानों से पुलिस की ज्यादतियों की खबरें भी आ रहीं हैं. जिन लोगों को बंदिशों से बाहर रखा गया है पुलिस उन्हें भी रोक रही है और उनसे बदसलूकी कर रही है. जमीन पर तैनात पुलिसकर्मियों को आला अधिकारी बार-बार हिदायत देते नजर आये कि जिन्हें छूट दी गई है उन्हें तंग न किया जाये.