लखनऊ: कोरोना वायरस के प्रभाव को रोकने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जौनपुर और पीलीभीत को लॉकडाउन करने का आदेश दे दिया है. यह कदम इन जिलों में कोरोना के मरीजों के मिलने के बाद उठाया गया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में क्लीनिंग और सैनिटाइजेशन की व्यवस्था की जाए. कहीं भी लोगों का जमावड़ा न लगे इसका विशेष ध्यान रखा जाए. इसके अलावा जल्द से जल्द दिहाड़ी मजदूरों के अकाउंट में डीबीटी के माध्यम से एक साथ एक हजार रुपये की सहायता राशि भेजने और इनके लिए अतिरिक्त खाद्यान्न की व्यवस्था करने को भी कहा.
कोरोना संक्रमण के नित नए मामले सामने आते देख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने आवास पर लॉकडाउन जनपदों में तैयारियों की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग दिव्यांगजन, विधवा और निराश्रित महिलाओं को पेंशन इसी माह में भेज दें. इन सभी को भेजी जाने वाली अगली किश्त 8-9 अप्रैल तक चली जाए. मुख्यमंत्री योगी ने कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बनाए गए, कमांड सेंटर को इंटीग्रेटेड करते हुए उसे सीएम हेल्पलाइन, 108, और 112 से जोड़ने के भी निर्देश दिए.
सीएम ने कहा कि प्रदेश में किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए एक इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर स्थापित करें. जिससे किसी भी आपदा के आने पर समय पर रिस्पॉन्स किया जा सके. जिन शहरों को लॉक डाउन किया गया है, वहां सप्लाई चेन को व्यवस्थित करें. लोगों को कोई दिक्कत न हो इसके लिए मंडी परिषद फलों और सब्जी बेचने वालों को चिन्हित कर मोहल्लों और कॉलोनियों में भेजें.
इसके साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि लोगों की भीड़ न लगे, ज्यादा दाम पर बिक्री न की जाए और लोग जमाखोरी न करने पाएं. इसी तरह से दूध की भी आपूर्ति की जाए. सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के किसी भी जनपद में बिजली और पानी की व्यवस्था में भी कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश से लगने वाली सभी सीमाओं को पूरी तरह से सील कर दें. कोई भी नया व्यक्ति प्रदेश में प्रवेश न करने पाए. उन्होंने कहा कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद होने के कारण जो लोग अपने घरों तक नहीं पहुंच पाए हैं और सड़कों पर हैं, जिला प्राशासन परिवहन विभाग की बसों के माध्यम से उन्हें उनके घर भेजने की व्यवस्था करे.
इसके साथ ही लोकल स्तर पर फंसे लोगों को पीआरवी 112 से भेजा जाए. सीएम ने कहा कि गुड्स की सप्लाई करने वाले वाहनों को रोका न जाए. प्रदेश में आवश्यक खाद्य सामग्री की किसी भी प्रकार की कमी नहीं होनी चाहिए. किसी भी प्रकार की कालाबाजारी पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि पैरा मेडिकल स्टाफ की छात्र और छात्राओं को वापस बुलाकर उन्हें ट्रेनिंग दी जाए. इसके साथ ही जो लोग क्वारंटीन और कोरोना पॉजिटिव हैं, लेकिन उनका रवैया असहयोगात्मक है, ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए.
बैठक में मुख्य सचिव आरके तिवारी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन, प्रमुख सचिव वित्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी समेत अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
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