नई दिल्ली: देश में 17 मई तक जारी लॉकडाउन के बीच आज पीएम मोदी ने देश को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने भारत को आत्म निर्भर बनाने पर जोर दिया. पीएम मोदी ने कहा, ''जब हम इन दोनों कालखंडो को भारत के नजरिए से देखते हैं तो लगता है कि 21वीं सदी भारत की हो, ये हमारा सपना नहीं, ये हम सभी की जिम्मेदारी है.''


पीएम मोदी ने कहा,'' कोरोना संकट का सामना करते हुए, नए संकल्प के साथ मैं आज एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रहा हूं. ये आर्थिक पैकेज, 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा. हाल में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी जो आर्थिक घोषणाएं की थीं. जो रिजर्व बैंक के फैसले थे और आज जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हो रहा है. उसे जोड़ दें तो ये करीब-करीब 20 लाख करोड़ रुपए का है.''


उन्होंने कहा,''आत्मनिर्भर भारत की ये भव्य इमारत, पांच पिलर्स पर खड़ी होगी. पहला पिलर इकॉनॉमी होगा, एक ऐसी इकॉनॉमी जो इक्रिमेंटल चेंज नहीं बल्कि क्वांटम जंप लाए. दूसरा पिलर इफ्रास्ट्रकचर, एक ऐसा इफ्रास्ट्रकचर जो आधुनिक भारत की पहचान बने. तीसरा पिलर हमारा सिस्टम, एक ऐसा सिस्टम जो बीती शताब्दी की रीति-नीति नहीं, बल्कि 21वीं सदी के सपनों को साकार करने वाली तकनीक व्यवस्थाओं पर आधारित हो. चौथा पिलर हमारी डेमोग्राफी, दुनिया की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी में हमारी डेमोग्राफी हमारी ताकत है, आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी ऊर्जा का स्रोत है. पांचवां पिलर डिमांड, हमारी अर्थव्यवस्था में डिमांड और सप्लाई चेन का जो चक्र है. जो ताकत है, उसे पूरी क्षमता से इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है.''


उन्होंने कहा,'' विश्व की आज की स्थिति हमें सिखाती है कि इसका मार्ग एक ही है, आत्मनिर्भर भारत.'' भारत जब आत्मनिर्भरता की बात करता है तो आत्मकेंद्रित व्यवस्था की वकालत नहीं करता. भारत की आत्मनिर्भरता में संसार के सुख, सहयोग और शांति की चिंता होती है.''


उन्होंने कहा,'' कोरोना से लड़के हुए चार महीने से ज्यादा बढ़ गया है. कई लाख लोगों की दुख मृत्यु हुई है. भारत में भी कई परिवारों ने अपनों को खोया है. मैं सभी के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं. एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है. विश्व मे आज कई जिंदगियां संकट का सामना कर रही है. सारी दुनिया आज एक जंग में जुटी है. हमने ऐसा संकट न देखा है न सुना है. निश्चित तौर पर मानव जाति के लिए ये तनाव का समय है. हालांकि थकना, हारना मानव को मंजूर नहीं है. सतर्क रहते हुए, सभी नियमों का पालन करना है. हमें इससे बचना भी है और आगे बढ़ना भी है.''


दुनिया को विश्वास हो गया कि भारत अच्छा कर सकता है


उन्होंने कहा, ''दुनिया को विश्वास होने लगा है कि भारत बहुत अच्छा कर सकता है, मानव जाति के कल्याण के लिए बहुत कुछ अच्छा दे सकता है. सवाल यह है - कि आखिर कैसे? इस सवाल का भी उत्तर है-130 करोड़ देशवासियों का आत्मनिर्भर भारत का संकल्प.''


आपदा को अवसर में बदल दिया


उन्होंने कहा,'' जब कोरोना संकट शुरु हुआ तब भारत में एक भी पीपीई (PPE) किट नहीं बनती थी. एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था. आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज 2 लाख PPE और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं.'' बता दें कि पीएम मोदी इससे पहले कोरोना काल में अब तक तीन बार देश को संबोधित कर चुके थे. लॉकडाउन 3.0 पांच दिन बाद 17 मई को खत्म होगा.