देश में कोरोना संक्रमण विकराल रूप ले चुका है. इसके आ रहे रिकॉर्ड मामलों ने केन्द्र और राज्य सरकारों की चिंताएं बढ़ाकर रखी है. इस बीच देश के प्रतिष्ठित तीन डॉक्टर एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया, नारायणा हेल्थ के चेयरमैन डॉक्टर शेट्टी और मेदांता हॉस्पीटल के चेयरमैन डॉक्टर नरेश त्रेहान ने लोगों से बताया कि कोरोना से किस तरह बचें और किस हाल में उन्हें क्या करना चाहिए.
'रेमडेसिविर नहीं जादू की गोली'
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मामलों में 85 फीसदी से ज्यादा लोग रेमडेसिविर जैसी दवाओं के बिना ही ठीक हो जाएंगे. ज्यादातर लोगों को जो लक्षण होंगे वो हैं- सर्दी, गले में दर्द आदि और 5 से 7 दिनों में वे इससे ठीक हो जाएंगे. सिर्फ 15 फीसदी लोगों को हल्के इलाज की जरूरत पड़ सकती है.
गुलेरिया ने आगे बताया- सबसे महत्वपूर्ण चीज ये है कि जो हमलोगों में से घर पर आइसोलेशन में हैं या फिर अस्पताल में हैं कि घबराहट में वास्तव में किसी उपचार की आवश्यकता नहीं है. केवल कुछ ही फीसदी लोगों को रेमडेसिविर की आवश्यकता होती है, उसे जादू की गोली ना समझें.
'गंभीर हालात ना हो तो घर पर ही रहें'
जबकि, मेदांता के चेयरमैन नरेश त्रेहान ने कहा कि रेमडेसिविर कोई रामबाण नहीं है. जिन्हें इसकी आवश्यकता है उन्हें सिर्फ यह वायरल लोड को कम करता है. उन्होंने कहा कि काफी कम लोगों को अस्पताल में भर्ती का आवश्यकता होती है. अस्पतालों के बेड को जिम्मेदारीपूर्वक इस्तेमाल किया जाना चाहिए. यह हम सभी के ऊपर है. तो वहीं, नारायणा हेल्थ के डॉक्टर देवी शेट्टी ने बताया कि कोरोना का लक्षण देखते हुए खुद को आइसोलेट करें. इसके साथ ही, गंभीर हालात ना हो तो घर पर ही रहें.
पिछले 24 घंटे के दौरान 30 लाख लोगों को टीका
इससे पहले, बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि भारत में इस वक्त 21 लाख 57 हजार केस सक्रिय है, जो पिछले साल के मुकाबले दो गुने हैं. स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि देश में अब तक करीब 13 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है, जिनमें से 30 लाख लोगों को पिछले 24 घंटे के दौरान टीका लगाया गया. अब तक 87 फीसदी स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया जा चुका है.
देश मे कोवैक्सीन की 1.1 करोड़ खुराक दी गई, जिनमें से पहली डोज लेने के बाद 4,208 और 695 दूसरी डोज लेने के बाद पॉजिटिव हुए. कोविशील्ड वैक्सीन देश में 11.6 करोड़ लोगों को दी गई, इनमें से 17, 145 पहली डोज के बाद और दूसरी डोज के बाद 5014 पॉजिटिव हुए.
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