नई दिल्ली: भारतीय रेल की यात्री सेवा भले ही बंद हो, लेकिन आपके घर तक सामान पहुंचाने और कोरोना वायरस से लड़ने के लिए भारतीय रेल के कर्मचारी दिन रात काम कर रहे हैं.


रेलवे का गहन जागरूकता अभियान
रेलवे के राष्ट्रीय प्रवक्ता डी.जे. नारायण ने एबीपी न्यूज़ से कहा है कि इस वक़्त रेलवे अभियान का सूत्र वाक्य है- “रेल कभी युद्धकाल में भी नहीं रुकी कृपया परिस्थितियों की गम्भीरता समझिए. घर में ही रहिये.” रेलवे की ये अपील रेल सेवा लॉकडाउन के फ़ौरन बाद आई.


लॉकडाउन के दौरान रेलवे की सक्रिय भूमिका
यात्री सेवा बंद करते ही रेलवे ने बीड़ा उठाया कि देश में लॉकडाउन के दौरान हमारे आपके घरों तक ज़रूरत के सामानों के पहुंचने में दूरी कोई बाधा न बने. यात्री गाड़ियों के पटरी से हटते ही माल गाड़ियों ने चार गुनी रफ़्तार से दौड़ना शुरू कर दिया है. अनाज, फल, सब्ज़ी, चीनी, नमक, दूध जैसी सभी चीजों को आपके शहर तक पहुंचाने का बीड़ा रेलवे ने उठाया है.


राज्य सरकारों के साथ बनाया ताल-मेल
रेलवे राज्य सरकारों के साथ लगातार सम्पर्क बनाए हुए है और ये सुनिश्चित करने में लगी हुई है कि जहां भी खाद्य आपूर्ति की ज़रूरत हो वहां विशेष मालगाड़ी से सामान भेजा जा सके.


ताकि दिल्ली को दूध की क़िल्लत न हो
दिल्ली को दूध की सप्लाई बनाए रखने के लिए रेलवे तमिलनाडु में तिरुपति के पास गुंटकल डिविज़न के रेनीगुडा से दूध दिल्ली पहुंचा रहा है.


ट्रेनों में बनेगा आइसोलेशन सेंटर
किसी भी आपात परिस्थिति से निपटने के लिए रेलवे ने अपने 20 हज़ार कोचों को आइसोलेशन सेंटर में बदलने की तैयारी शुरू कर दी है. हर कोच में दो मरीज़ रह सकेंगे जिनके पास अपना अलग वाशरूम होगा.


आरामदायक क्वारंटीन बैकअप
रेलवे ने वडोदरा में बुलेट ट्रेन के ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट के नए बने हॉस्टल को क्वारंटीन सेंटर में बदलने का फ़ैसला किया है. यहां 168 रूम और 337 बेड के अलावा 12 बड़े कॉमन रूम भी हैं.


रेल वर्कशॉप्स में बनेगी अस्पताल की चीज़ें
रेलवे ने अपने सात बड़ी वर्कशॉप को अस्पताल में इस्तेमाल होने वाली चीजों को बनाने की तैयारी करने को कहा है, जिनमें बेड, ट्रोली, स्ट्रेचर, वेंटिलेटर, सैनिटाइज़र आदि शामिल हैं. इन वर्कशॉप्स में रेलवे की चितरंजन, चेन्नई, डीएलडब्ल्यू और रायबरेली यूनिट भी शामिल है.


रेलवे ज़मीनों का लॉकडाउन में उपयोग
कोरोना वायरस से लड़ते हुए, संकट की इस घड़ी में सामाजिक दूरी को बनाए रखने के लिए भारतीय रेल ने नागरिकों के साथ-साथ रेलवे कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए आंध्र प्रदेश के गुंटकल में रेलवे के मैदान को सब्जी बाजार बनाया है. इसी तरह जहां जैसी ज़रूरत है, रेलवे अपनी ज़मीनों पर आम लोगों के लिए सुविधाएं जुटा रही है.


डीज़ल शेड में सैनिटाइज़र
रेल के एग्जीक्यूटिव डाइरेक्टर आर. डी. वाजपेयी ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए रेलवे के आसनसोल, प. बंगाल स्थित डीजल शेड द्वारा 500 लीटर सैनिटाइजर बनाया गया, जो वितरण के लिए तैयार है. रेलवे की अन्य यूनिट्स द्वारा भी इसका उत्पादन किया गया है. लॉकडाउन अवधि में बचाव के लिए रेलवे सभी सहायता उपलब्ध करा रहा है.


भावुक हुए रेल अधिकारी
रेल मंत्री के मीडिया सलाहकार अनिल सक्सेना ने भावुक होकर कहा कि भारतीय रेल के रनिंग कर्मचारी जैसे लोको पायलट व गार्ड खुद की परवाह ना करते हुए, देश भर में आवश्यक चीजों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जिससे इस संकट के समय में अति आवश्यक चीजों की समय पर आपूर्ति की जा सके.


रेलवे के अस्पतालों में भी आइसोलेशन वार्ड
देश की राजधानी में उत्तर रेलवे के सेंट्रल हॉस्पिटल के सीएमडी डॉ. एम.बी. शंखवार ने बताया कि रेलवे के सभी ज़ोनल और डिवीजनल अस्पतालों में आइसोलेशन सेंटर बनाए गए हैं. इनमें संभावित कोरोना पीड़ित मरीज़ को बिना किसी अन्य व्यक्ति के सम्पर्क में लाए देखभाल की पर्याप्त व्यवस्था की गई है.


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