राजस्थान सरकार ने किया कोरोना के रैपिड टेस्ट बंद करने का फैसला, स्वास्थ्य मंत्री बोले- सही नतीजे नहीं आ रहे
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 90 फीसदी की उम्मीद के बजाय Correlation 5.4 फीसदी था.राजस्थान में सत्ता के दुरुपयोग का एक गंभीर मामला भी सामने आया है.
नई दिल्ली: राजस्थान की सरकार ने कोरोना की रैपिड टेस्टिंग बंद करने का फैसला किया है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि इससे सही नतीजे नहीं आ रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि 90 फीसदी की उम्मीद के बजाय Correlation 5.4 फीसदी था. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आईसीएमआर के मार्गदर्शन की मांग कर रही है कि क्या तेजी से रैपिड टेस्टिंग का उपयोग जारी रखना चाहिए.
राज्य स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि राजस्थान में आज 52 COVID 19 पॉजिटिव मामले दर्ज़ किए गए हैं. भीलवाड़ा से 4, दौसा, जैसलमेर और टोंक से 2-2, जयपुर से 34, झुंझुनू, नागौर और सवाई माधोपुर से 1-1और जोधपुर से 5 मामले दर्ज़ किए गए हैं. कुल पॉजिटिव मामले 1628 हैं, जिनमें 25 मौतें, 205 ठीक मामले शामिल हैं.
बता दें कि राजस्थान में सत्ता के दुरुपयोग का एक गंभीर मामला भी सामने आया है. स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के बेटे सागर शर्मा न तो जनप्रतिनिधि हैं और न कोई सरकारी पद पर लेकिन पूरी हनक के साथ अजमेर के कलेक्टर, एसएसपी और सीएमओ के साथ कल प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैठे हुए दिखे थे. अब सवाल ये है कि मंत्री के बेटे को किस हैसियत से अफसरों ने अपने साथ बिठाया.
इसे लेकर राजस्थान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने राज्य सरकार पर निशाना है. पूनिया ने कहा कि चिकित्सा मंत्री के बेटे ने अजमेर कलेक्टर के साथ किस हैसियत से किस संवैधानिक व्यवस्था के तहत प्रेस को सम्बोधित किया. गहलोत सरकार के राज में सत्ता और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग हो रहा है, अधिकारियों पर दबाव बनाया जा रहा है.
मालूम हो कि कलेक्टर और SSP के साथ स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के बेटे सागर ने जो प्रेस कॉन्फ्रेंस की, उसमें ऐसा नहीं था कि वो सिर्फ बैठे रहे, उन्होंने बाकायदा पत्रकारों को संबोधित भी किया.
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