कोरोना वायरसः विदेशों से आ रही सहायता सामग्री जरूरतमंदों तक पहुंचाने का रैपिड एक्शन प्लान
कैबिनेट सचिव की अगुवाई में जहां विभिन्न मंत्रालयों के साथ तालमेल का तानाबाना बनाया गया है. वहीं दुनिया के देशों से कोविड संकट के लिए मदद या खरीद के तौर पर सहायता सामग्री के लिए बाकायदा एक प्रोटोकॉल बनाकर पूरा अमला उसपर लगा दिया गया है.
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नई दिल्ली: देश के भीतर गहराए कोविड संकट के बीच भारत की डिमांड लिस्ट में दो चीजें इस समय सबसे ऊपर हैं, ऑक्सीजन उपकरण और रेमडेसिवीर दवा. इस दवा की किल्लतों को दूर करने के लिए देश-विदेश से युद्धस्तर पर प्रयास किया जा रहा है. इस कड़ी में विदेश से आ रही मदद को भारत में जरूरत महसूस कर रहे दूर-दराज के कोनों तक पहुंचाने के लिए लिए एक व्यापक योजना लागू कर दी गई है.
ताकि तुरंत जरूरत मंद जगहों तक पहुंचे मदद
इस बीच विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला के मुताबिक कोविड19 संकट से निपटने के लिए भारत में आ रही तमाम मदद को इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के माध्यम से हासिल किया जा रहा है. वहीं विदेशी सरकार से आ रही सहायता समग्री से लेकर भारतीय कंपनियों की खरीद अथवा विदेशों में मौजूद डायस्पोरा समुदाय के आ रही सहायता के लिए कोविड क्लीयरेंस प्रोटोकॉल के तहत त्वरित प्रोसेसिंग और क्लीरेंस की व्यवस्था की गई है. चिह्नित कोविड-19 आवश्यकताओं के तहत आने वाले सामान को कस्टम शुल्क से भी छूट दी गई है. साथ ही डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स की मदद से भारत के विभिन्न कोनों में सहायता सामग्री को सैन्य साधनों से पहुंचाया जा रहा है.
इस कड़ी में प्रावधान किया गया है कि एकल संपर्क व्यवस्था के तहत इंडियन रेडक्रॉस के माध्यम से ही तमाम सहायता सामग्री आए. राज्य सरकारें भी अपनी मांग केंद्र सरकार को ही बताएं. खासतौर पर ऑक्सीजन और रैमडेसिवीर दवा की खरीद के लिए इसी व्यवस्था पर आगे बढ़ा जा रहा है. ताकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत के विभिन्न सूबों के बीच किसी तरह की प्रतिस्पर्धा न हो.
40 से अधिक देश कर रहे हैं भारत की मदद
इस बीच विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने विदेशों से मिल रही मदद पर मीडिया से बातचीत में बताया कि भारत की सहायता के लिए 40 से अधिक देशों ने सहायता का ऐलान किया है. इसके अलावा भारत ने अपने विदेशी राजनयिक मिशनों को खासतौर पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, कंटेनर, ऑक्सीजन प्लांट और रैमडेसीवीर दवा हर संभव स्रोत से उपलब्ध कराने के लिए कहा है.
इस कड़ी में भारत सरकार रैमडेसिवीर दवा का उत्पादन कोटा बढ़ाने के लिए जहां गिलियाड कंपनी के साथ बातचीत कर रही है. साथ ही मिस्र, उजबेकिस्तान, बांग्लादेश समेत उस सभी देशों के साथ भी संपर्क कर रही है जिनके पास रैमडेसिवीर दवा का उत्पादन व स्टॉक उपलब्ध है.
महत्वपूर्ण है कि भारत में रैमडेसिवीर दवा का प्रतिदिन उत्पादन करीब 67 हजार डोज है. जबकि इसकी मांग का आंकड़ा करीब 3 लाख डोज तक पहुंच रहा है. ऐसे में जहां भारत के आग्रह के बाद गिलियाड कंपनी ने दवा के 4.5 लाख डोज अनुदान में का फैसला किया है. साथ ही भारत ने कंपनी को भारतीय कंपनियों के लिए लायसेंस उत्पादन की सीमा बढ़ाने और अपने अन्य उत्पादन स्रोतों से संपर्क कराने को भी कहा है.
भारत को अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, यूरोपीय संघ, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, बहरीन, जापान समेत कई देशों से मिले सहायता प्रस्ताव मिले हैं. इनमें से कई देशों ने अपनी मदद सामग्री भेजना शुरु कर दिया है. वहीं भारत ने घरेलू स्तर पर भी उत्पादन को बढ़ाया है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक दुनिया भर से अगले कुछ दिनों में करीब 550 ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट अगले कुछ हफ्ते में आएंगे.साथ ही 4000 ऑक्सीजन कन्संट्रेटर, 10 हज़ार ऑक्सीजन सिलेंडर,17 ऑक्सीजन टैंकर भी आ रहे हैं. इसमें सहायता के साथ साथ भारतीय कंपनियों की तरफ से की गई खरीद भी शामिल है.
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