देश में कोरोना वायरस के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं. अब केंद्र सरकार ने कोरोना के खतरे के आधार पर 733 जिलों को तीन जोन में बांट दिया है. रेड जोन में 130 जिले, ऑरेंज जोन में 284 जिले और ग्रीन जोन में 319 जिलों को रखा गया है. इन जोन के आधार पर अंदाजा लगाया जा सकता है कि कहां कितना खतरा है. इसी आधार पर तीन मई के बाद बंदिशों में छूट भी मिल सकती है.

ग्रीन जोन में शामिल 319 जिलों में कोरोना का खतरा सबसे कम है. यहां सबसे ज्यादा राहत दी जा सकती है. कोरोना से कम जोखिम वाले जिले ऑरेंज जोन में हैं. और जिन जिलों में सबसे ज्यादा कोरोना केस हैं वहां सबसे ज्यादा खतरा है, उन जिलों को रेड जोन में रखा गया है.

यूपी और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा रेड जोन

दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे भारत के मुख्य शहर रेड जोन हैं. देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के 19 जिले रेड जोन में है. जबकि राज्य के 36 जिले ऑरेंज जोन और 20 जिले ग्रीन जोन में हैं. महाराष्ट्र में कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा प्रकोप है. यहां 36 जिलों में से 14 जिले रेड जोन, 16 जिले ऑरेंज जोन और 6 जिले ग्रीन जोन में हैं. दिल्ली के सभी 11 इलाके रेड जोन में हैं.

हालांकि कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां एक भी जिला रेड जोन नहीं. ये राज्य हैं- अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, लक्ष्यदीप, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पुद्दुचेरी, सिक्किम और त्रिपुरा.

कोरोना मुक्त राज्य
रेड जोन वो जिला है, जहां कोरोना वायरस महामारी ज्यादा फैली हुई है. अगर एक हॉटस्पॉट में 28 दिन तक कोई कोरोना पॉजिटिव केस नहीं मिलता है तो वो जिला ग्रीन जोन में बदल जाता है. देश के आठ राज्य ऐसे हैं, जहां सभी जिले ग्रीन जोन में हैं. यानि कि ये राज्य कोरोना मुक्त हैं. इन राज्यों के नाम है- अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, दादरा एंड नगर हवेली, दमन एंड डीयू.


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