ग्वालियरः कोरोना वायरस से लोग भयभीत हैं और एमपी के शहर ग्वालियर में इससे दो सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. गंभीर मरीजों को प्लाज़्मा थैरेपी भी दी जा रही है. अब इसमें भी दलाल और रैकेट सक्रिय हो गए हैं. देश का संभवतः पहला मामला ग्वालियर में पकड़ा गया जिसमें न केवल प्लाजा के दलाली रैकेट का खुलासा हुआ बल्कि नकली प्लाज़्मा बेचने का भी सनसनीखेज खुलासा हुआ.


क्या है मामला


दतिया निवासी मनोज कुमार गुप्ता को कोरोनावायरस के चलते ग्वालियर के अपोलो अस्पताल में भर्ती किया गया था जहां हॉस्पिटल की ओर से प्लाज्मा की मांग की गई. मरीज के पूछे जाने पर हॉस्पिटल में कर्मचारी ने बताया गया कि वे हॉस्पिटल के कर्मचारी जगदीश से मिलें जो उनकी सारी व्यवस्था कर देगा. जब उनसे मिले तो उन्होंने सरकारी हॉस्पिटल में पदस्थ कर्मचारी के बारे में बताया कि वह आपको उपलब्ध करा देगा.


क्रॉस मैचिंग रिपोर्ट कार्ड और मुहर निकली फर्जी
मरीज मनोज ने 18000 रुपये दिए और 2 घंटे में प्लाज्मा उपलब्ध कराने की बात कही. जैसे ही अपोलो हॉस्पिटल्स प्लाज्मा को लेकर गया वे पहुंचे तो हॉस्पिटल में डॉक्टर ने बिना जांच किए प्लाज्मा देना शुरू कर दिया और मनीष का स्वास्थ्य खराब होकर सुबह मौत हो गई.


इसके बाद परिजनों ने सरकारी हॉस्पिटल ब्लड बैंक में जाकर उपलब्ध करा प्लाज्मा की जानकारी ली तो पता चला कि प्लाज्मा ब्लड बैंक से नहीं लिया गया है और जो भी पीले रंग का क्रॉस मैचिंग रिपोर्ट कार्ड उनके पास था वह फर्जी साबित हुआ और इस पर लगी मुहर भी फर्जी पाई गई. इसके बाद परिजनों ने थाने पहुंचकर हंगामा किया और पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.


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