नई दिल्ली: दिल्ली में कोरोना से लड़ने के लिए सर्विलांस और रिस्पॉन्स प्लान की रणनीति में संशोधन किया गया है. कोविड-19 सर्विलांस और रिस्पॉन्स को मजबूत करने के लिए संशोधित रणनीति पर एक रिपोर्ट तैयार की गई है. ये रिपोर्ट नेशनल सेंटर फॉर डिसीज़ कंट्रोल (NCDC), केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, दिल्ली सरकार, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नीति आयोग ने मिलकर तैयार की है.


रिपोर्ट में पुराने प्लान के तहत डोर टू डोर सर्वे को मौजूदा परिस्थितियों में अच्छा विकल्प नहीं माना गया है. इसके साथ ही दिल्ली की आबादी और इलाकों को तीन हिस्सों में बांटकर काम करने की रणनीति तैयार की गई है.


10 जुलाई 2020 के बाद इस पूरी रणनीति की समीक्षा की जाएगी. संशोधित रणनीति के साथ सर्विलांस और रिस्पॉन्स का पूरा प्लान जो सभी डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को लागू कराने के लिए भेज दिया गया है जो इस प्रकार है;


डोर टू डोर सर्वे बंद कराने के संबंध में


रिपोर्ट में 20 जून को जारी सर्विलांस और रिस्पॉन्स रोडमैप के अंतर्गत डोर टू डोर सर्वे का ज़िक्र करते हुए कहा गया है कि पहले से ही अतिरिक्त कंटेनमेंट ज़ोन के चलते एक बड़ी आबादी इंटरनल सर्विलांस का हिस्सा है. इसमें लगभग सभी क्लस्टर केस समाहित हैं जो सभी केस का करीब 43 फीसदी है.


इसमें पहले से ही चल रहे गहन सर्विलांस काम से संबंधित व्यवहारिक कठिनाइयां भी हैं. डोर टू डोर सर्वे के चलते हाई रिस्क एरिया और कंटेनमेंट ज़ोन में चल रहे कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के काम मे बाधा भी आ सकती है.


महज़ एक बार डोर टू डोर सर्वे करना इतना उपयोगी नहीं होगा क्योंकि ILI (Influenza Like Illness) और SARI (Severe Acutr Respiratory Infections) के लक्षण कभी भी दिखाई पड़ सकते हैं.


इन बिंदुओं के आधार पर फिलहाल दिल्ली में डोर टू डोर सर्वे को उपयुक्त नहीं माना गया है.


विभिन्न इलाकों में रहने वाली आबादी का वर्गीकरण कोरोना के मौजूदा मामलों के वितरण के आधार पर किया गया है.




  1. कंटेनमेंट ज़ोन (421)

  2. आइसोलेटेड मामले वाले इलाके
    a) वो इलाके जिनमे पिछले 28 दिन में लगातार आइसोलेटेड मामले सामने आते रहे हैं.
    b) अन्य इलाके (जिनमें कभी कभी आइसोलेटेड मामले सामने आते रहे हैं.)

  3. Free-Areas- वो इलाके (सोसाइटीज/गांव) जिनमें आज तक कोई भी केस रिपोर्ट नहीं हुआ है.


संशोधित रणनीति के घटक


कंटेनमेंट ज़ोन में सर्विलांस को मज़बूत करना-


विशेषज्ञों की समीक्षा के आधार पर कुल कंटेनमेंट ज़ोन की संख्या बढ़ाकर 421 कर दी गई है. कंटेनमेंट ज़ोन में सर्विलांस को सख्त एरिया कंट्रोल के साथ बढ़ाना होगा.




  1. a) कंटेनमेंट ज़ोन के अंदर- हाउस टू हाउस सर्च को पर्सनल विज़िट (टेलिफ़ोनिक नहीं) के ज़रिए बढ़ाना. कॉनटैक्ट लिस्ट बनाकर हाई रिस्क कॉन्टैक्ट,  बुजुर्ग और को-मोरबिटिज से ग्रसित लोगों को क्वारन्टीन और टेस्टिंग कराना और उसका फॉलो अप करना
    b) बफ़र ज़ोन

  2. हाउस टू हाउस सर्च और हाई रिस्क लोगों को लिस्ट करना

  3. सभी इलाकों में SARI/ ILI सर्वे करना

  4. आरोगय सेतु और ITIHAS एप की सहायता से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का असेसमेंट करना होगा.


किसी एक परिभाषित क्षेत्र से रिपोर्ट होने वाले आइसोलेटेड केस


उन इलाकों की समीक्षा करना जिनमे सेंट्रल सर्विलांस यूनिट (CSU) और डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस ऑफिसर (DSO) द्वारा पिछले 14 दिन से लगातार मामले रिपोर्ट किये जा रहे हैं.


- समय और भौगोलिक स्तिथि के आधार ओर केस मैपिंग


- एपिडेमियोलॉजिकल स्तिथि का आंकलन और ट्रांसमिशन चेन को ट्रैक करना


- ITIHAS ऐप का इस्तेमाल करना


कार्यप्रणाली


कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग बढ़ाना, हाउस टू हाउस सर्च, SARI/ILI सर्वे, हाई रिस्क लोगों की लिस्टिंग और स्पेशल सर्विलांस, सख्त क्वारन्टीन और आइसोलेशन


Free area ऐसे इलाके जहां अब तक केस रिपोर्ट नहीं हो रहे हैं


यहां मुख्य उद्देश्य होगा बीमारियों और मृत्यु दर को कम करना.




  1. सोसायटीज में (आरडब्ल्यू के द्वारा)- बुजुर्ग और को-मोरबिड की लिस्टिंग करना, प्रभावित इलाकों से आने वाले लोगों का प्रवेश रोकना, प्रवेश के समय हर व्यक्ति की स्क्रीनिंग, आरोग्य सेतु ऐप को अनिवार्य रूप से डाउनलोड कराना.

  2. गांव में (सरपंच के द्वारा)- गांव में निगरानी समिति का निर्माण करना, बुजुर्ग और को-मोरबिड की लिस्टिंग करना, गांव में प्रवेश करने वाले किसी भी बाहरी व्यक्ति खासतौर पर जो प्रभावित इलाके से आया हो उसकी निगरानी रखना, डीएसओ द्वारा समय समय पर सर्विलांस करना


खास समूहों में सर्विलांस बढ़ाना


हाई रिस्क ग्रुप, 60 साल से ज़्यादा आयु वाले लोग और ऐसे व्यक्ति जो किसी पुरानी गंभीर बीमारी जैसे, डायबिटीज, कैंसर से ग्रसित हों


स्पेशल सर्विलांस ग्रुप्स


सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और डिसइन्फेक्शन के नियमों के लिये


ILI और SARI सर्विलांस जारी रहेगा


-सभी कंटेनमेंट ज़ोन में हर 15 दिन/ 30 दिन में हिडेन ट्रांसमिशन का असेसेमेंट करना


-समय समय पर अप्रभावित इलाकों में SARI और ILI सर्वे


-गैर-H1N1/ इन्फ्लूएंजा केस में लैब बेस्ड सर्विलांस


-भर्ती किये गये SARI केसेज़ की कोविड टेस्टिंग


दिल्ली में सीरोलॉजिकल सर्वे


वर्तमान समय मे दिल्ली के सभी 11 ज़िलों में सीरो सर्वे कराया जा रहा है जो कि 20,000 लोगों की आबादी (वयस्क और 18 वर्ष से कम आयु वर्ग दोनों) में IgM (immunoglobin M) और IgG (immunoglobin G) के मूल्यांकन के लिए कराया जाएगा. 10 जुलाई 2020 तक ये सर्वे पूरा किया जाएगा. इस सर्वे के परिणाम से कोविड-19 की ताज़ा स्तिथी, इम्यूनिटी स्टेटस और फ्यूचर लाइन का पता लग सकेगा.


कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटे में आए सबसे ज्यादा करीब 25 हजार मामले, 613 लोगों की मौत