नई दिल्ली: देश में कोरोना के बढ़ते मरीजों के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने तब्लीगी जमात पर सीधे तौर पर निशाना साधा है. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संयुक्त महासचिव मनमोहन वैद्य ने पत्रकार वार्ता के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि समाज का एक वर्ग है जिसकी सोच विकृत है और जमात की वजह से मरीजों की संख्या बढ़ रही है. जैसे संघ के नेतृत्व ने गंभीरता से फैसला लिया और सारे प्रोग्राम कैंसिल किये अगर वैसा इनके नेतृत्व ने किया होता तो आज स्थिती अलग होती.
कोरोना को लेकर मनमोहन वैद्य वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये देशभर से जुटे पत्रकारों के एक समूह को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने संघ द्वारा लॉक डाउन के दौरान किये जा सामाजिक कार्यो का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि सारी दुनिया के साथ भारत भी इस कठिन समस्या का सामना कर रही है. लेकिन हमारे लिए बड़ी बात है की भारत के नेतृत्व ने जिस तरह से इसपर काम किया है. वह दुनिया के दूसरे देशों के लिए उदाहरण है. इस संकट के समय सरकार ने समाज के लिए अपना पूरा प्रयास किया. जबकि इस संकट के समय समाज ने भी सहयोग किया है.
22 मार्च को सम्पूर्ण देश 5 बजे बाहर निकलकर ताली और थाली बजाकर एकजुटता दिखाई है. इस मौके पर संघ के स्वयंसेवक भी पुरे देश में सक्रिय हैं. जगह जगह लोगों को भोजन करा रहे है. लोगों को ठहराने की व्यवस्था कर रहे हैं. मास्क, सेनेटाईज़र बनाकर वितरण भी जारी है. संघ के कार्यकर्ताओं ने बेघर लोगों को भोजन से लेकर उनके रहने की व्यवस्था की है. चित्रकूट में बंदरो को भोजन की व्यवस्था की गई है.
कोरोना को लेकर तब्लीगी जमात की भूमिका पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में मनमोहन वैद्य ने कहा कि मुस्लिम समाज में भी एक वर्ग है. जो कोरोना से लड़ाई में सरकार का समर्थन करता है. जबकि एक वर्ग है जिसका अलग विचार अलग है. निजामुद्दीन में जो हुआ कोई साज़िश है या नहीं पता नहीं है. लेकिन अब मुस्लिम समाज में ही एक वर्ग इसे सही नहीं मानता. वो लोग इसका विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप में मरकज़ को नोटिस के बाद भी क़ानून का पालन न करना, स्वस्थ्य्कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करना, थूकना ये सही नहीं है.
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