भारत के टीकाकरण अभियान को मिलेगी ताकत, देश को अप्रैल तक मिलेगी रूस की Sputnik वैक्सीन
बीस हजार लोगों को लगाए गए स्पुतनिक वैक्सीन के परिणामों से पता चला है कि जिस व्यक्ति की उम्र 60 साल से ज्यादा है, उस वर्ग के लिए यह वैक्सीन 91.8 फीसदी प्रभावकारी है.स्पुतनिक वैक्सीन तरल और पाउडर दोनों रूपों में उपलब्ध है. तरल रूप को माइनस 18 डिग्री सेल्सियस में रखने की आवश्यकता है, तो वहीं पाउडर फॉर्म के लिए इस वैक्सीन को 2 और 8 डिग्री सेल्सियस के बीच रखा जा सकता है.
कोरोना वायरस: देश में जानलेवा कोरोना वायरस के खिलाफ लगा खत्म करने के लिए टीकाकरण अभियान जारी है. अब इस अभियान को और ताकत मिलने वाली है. कोविडशील्ड और कोवैक्सीन के बाद अब रूस की कोविड वैक्सीन स्पुतनिक अप्रैल तक भारत में उपलब्ध हो सकती है. दरअसल लैंसेट मेडिकल जर्नल द्वारा स्पुतनिक की सह-समीक्षा करके भारत में परीक्षण किया जा रहा है. अनुमान लगाया जा रहा है कि अप्रैल तक भारत में उपयोग के लिए रूस की कोविड वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी.
स्पुतनिक 91.8 फीसदी प्रभावकारी
लैसेंट अध्ययन के मुताबिक, बीस हजार लोगों को लगाए गए स्पुतनिक वैक्सीन के परिणामों से पता चला है कि जिस व्यक्ति की उम्र 60 साल से ज्यादा है, उस वर्ग के लिए यह वैक्सीन 91.8 फीसदी प्रभावकारी है. डॉ रेड्डी के प्रमुख दीपक सपरा का कहना है कि रूस से हमारे साझेदारों के साथ 12.5 करोड़ स्पुतनिक वैक्सीन डोस के निर्माण का समझौता हुआ है. हालंकि भारत के लिए वैक्सीन की लागत अभी निर्धारित नहीं की गई है.
तरल और पाउडर दोनों रूपों में उपलब्ध है स्पुतनिक
सापरा ने आगे कहा कि स्पुतनिक के लिए परीक्षण 36,000 लोगों पर आयोजित किया गया है, जिनमें से 33,000 रूसी नागरिक हैं. इसके अलावा भारत में परीक्षण 1,600 लोगों पर किया जा रहा है. उन्होंने ने बताया कि जो अभी फेज 3 के ट्रायल चल रहे हैं, वह फरवरी में खत्म हो जाएंगे. जिसके बाद कंपनी इमरजेंसी अप्रूवल के लिए ड्रग्स रेग्युलेटर से संपर्क करेगी. स्पुतनिक वैक्सीन तरल और पाउडर दोनों रूपों में उपलब्ध है. तरल रूप को माइनस 18 डिग्री सेल्सियस में रखने की आवश्यकता है, तो वहीं पाउडर फॉर्म के लिए इस वैक्सीन को 2 और 8 डिग्री सेल्सियस के बीच रखा जा सकता है.
बता दें कि वैक्सीनेशन को लेकर भारत में गिरावट दर्ज की गई है. पिछले हफ्ते के तुलना में प्रति साइट औसत लाभार्थियों की संख्या 57 से 49 हो गई है. इसपर सरकारी अधिकारी का मानना है कि लोगों की झिझक और अफवाहों की वजह से टीकाकरण में गिरावट आई है. वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की है कि 18 दिनों में 4 मिलियन टीकाकरण के निशान तक पहुंचने वाला भारत सबसे तेज देश है.
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