Coronavirus: अपनी ही सरकार पर भड़के संजय निरुपम, कहा- टीवी पर रोज़ प्रवचन देने से लोगों का पेट नहीं भरता
कोराना वायरस के कहर से कारखाने, फैक्ट्रियां बंद हैं. मजदूर और गरीब तबके को लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है. कोई मदद ना मिल पाने के बाद मजबूर हुए लोग पैदल ही अपने गांव की तरफ रवाना हो रहे हैं.
मुंबई: मुंबई में कांग्रेस के पूर्व सांसद और मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरूपम खुद महाराष्ट्र में अपनी पार्टी की सरकार से ही खफा हैं. निरूपम का मानना है कि कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुए भुखमरी के हालात से निपटने के लिये सरकार ठोस कदम नहीं उठा रही. उन्होने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की भी निंदा की.
सरकार के पास गरीब लोगों तक खाना पहुंचाने की कोई योजना नहीं- संजय निरूपम एबीपी न्यूज से बातचीत करते हुए संजय निरूपम ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे रोज टीवी पर आकर प्रवचन देते हैं लेकिन उनकी ओर से पर्याप्त कदम नहीं उठाये जा रहे कि लोगों को भुखमरी से बचाया जा सके. उनका कहना है कि सरकार के पास गरीब लोगों तक खाना पहुंचाने की कोई योजना नहीं है. एक तरफ लोगों को घरों में बंद रहने के लिये कहा गया है तो दूसरी तरफ सामाजिक संस्थाओं से उम्मीद की जा रही है कि वे गरीबों को खाना खिलायें. ऐसा ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकेगा और हालात बदतर होते जायेंगे. ये काम सरकार का है.
आसमान छू रहे हैं अनाज, फल, सब्जी सभी के दाम- संजय निरूपम निरूपम के मुताबिक दुकानों पर राशन खत्म हो रहा है और सभी राशन कार्ड धारकों को राशन नहीं मिल पा रहा. अनाज, फल, सब्जी सभी के दाम आसमान छू रहे हैं. सरकार को इन्हें नियंत्रित करना जरूरी है. उन्होने सुझाव दिया कि सभी जरूरतमंद लोगों को खाना पहुंचाने के लिये आंगनवाडी कार्यकर्ताओं की मदद ली जानी चाहिये जिन्हें कि हर गली मोहल्ले की जानकारी रहती है कि वहां कौन कौन जरूरतमंद है. निरूपम खुद अपना कार्यकर्ताओं के जरिये कई इलाकों में खाना भिजवा रहे हैं.
निरूपम की ओर से महाराष्ट्र सरकार की निंदा को सियासी नजरिये से भी देखा जा रहा है. वे पहले से ही कांग्रेस के शिवसेना और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के खिलाफ थे. पिछले साल नवंबर में गठबंधन सरकार बनने के बाद भी उन्होने कई बार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को निशाना बनाया. माना जाता है कि निरूपम कांग्रेस में राहुल गांधी के करीबियों में से रहे हैं. सियासी हलकों में माना जाता है कि महाराष्ट्र में तीन पार्टियों की गठबंधन सरकार बनाने के लिये राहुल गांधी की असहमति के बावजूद सोनिया गांधी ने मंजूरी दे दी थी. हालांकि, निरूपम ने सफाई दी है कि मौजूदा हालात में सरकार की नीतियों का विरोध वे किसी राजनीति के चलते नहीं कर रहे.
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