नई दिल्ली: कोरोना से लड़ने को लेकर गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन ने एक बड़ा फैसला लिया है. जिला प्रशासन ने दिल्ली से सटी सभी सीमाओं को पूरी तरह से सील कर दिया है. गौतम बुद्ध नगर के डीएम सुहास एलवाई ने मंगलवार यानी 21अप्रैल की देर शाम एक आदेश जारी कर कहा की कोरोना से लड़ने के लिए जरूरी है कि नोएडा से दिल्ली आने वाले और दिल्ली से नोएडा आने वाले रास्तों को पूरी तरह से सील किया जाए. क्योंकि ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं जहां से यह पता लग रहा है कि नोएडा में बढ़ रहे मामलों की एक वजह दिल्ली नोएडा के बीच सफर करने वाले लोग भी हैं.
गृह मंत्रालय के आदेश के विपरीत मीडिया कर्मियों को अब बनवाना होगा पास
जिला प्रशासन की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि 22 अप्रैल से सिर्फ वही लोग नोएडा में प्रवेश कर सकेंगे जो या तो एमरजेंसी सर्विसेज से जुड़े हुए हैं या फिर केंद्र या राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी हैं. इसके साथ ही डॉक्टरों को भी अपना पहचाान पत्र दिखाकर आने जाने की छूट दी गई है. रही बात मीडिया कर्मियों की तो पहले की तरह सिर्फ पहचान पत्र दिखाकर नोएडा दिल्ली के बीच आ जा नहीं सकेंगे. मीडिया कर्मी अब तभी दिल्ली से नोएडा और नोएडा से दिल्ली आ जा सकेंगे जब नोएडा प्रशासन उनको पास जारी करेगा. जबकि गृह मंत्रालय के एडवाइजरी के मुताबिक मीडिया कर्मी को भी कोरोना वॉरियर्स की श्रेणी में रखा गया था और इस वजह से उनको बिना किसी पास के एक जगह से दूसरी जगह जाने की अनुमति दी गई थी.
डॉक्टरों और वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करने के बाद लिया गया फैसला- सुहास
गौतम बुद्ध नगर के डीएम सुहास एलवाई के मुताबिक उन्होंने यह फैसला वरिष्ठ डॉक्टरों और अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद लिया है. इस फैसले की वजह यह है कि पिछले कुछ वक्त के दौरान जो मामले सामने आए उनसे पता चला कि उन मामलों का लिंक दिल्ली से आने वाले लोगों से जुड़ा था और इस वजह से फैसला यह किया गया की 3 मई तक नोएडा और दिल्ली के बीच की आवाजाही पूरी तरह से बंद की जाएगी.
करीबन 30 फीसदी मामलों का लिंक नोएडा दिल्ली के बीच सफर करने वाले लोगों से
सुहास एलवाई के मुताबिक दिल्ली और नोएडा की सीमा को बंद करने का जो फैसला लिया गया है उसकी वजह है कि मौजूदा समय में सामने आ चुके 102 मामलों में से 29 मामले. ये 29 मामले ऐसे थे जिनका लिंक दिल्ली से आने जाने वाले लोगों से जुड़ता हुआ दिखाई पड़ा. डीएम सुहास एलवाई के मुताबिक कोरोना वायरस एक ऐसा वायरस है जो अपने आप कहीं आ जा नहीं सकता. इस वायरस को आने जाने के लिए एक माध्यम चाहिए होता है और इसी वजह से यह फैसला लिया गया जिससे कि दिल्ली से नोएडा और नोएडा से दिल्ली तक यह वायरस फैल ना सके.
नोएडा में स्वस्थ होने वाले लोगों का प्रतिशत देश के अधिकतर हिस्सों से कहीं बेहतर
डीएम सुहास एलवाई के मुताबिक नोएडा में 21 अप्रैल की शाम तक 102 मामले सामने आए थे जिसमें से 45 मामलों में कोरोना संक्रमित व्यक्ति ठीक भी हो चुके हैं. इस लिहाज से नोएडा में ठीक होने वाले लोगों का प्रतिशत बाकी देश की तुलना में कहीं ज्यादा बेहतर है. नोएडा में 40 फ़ीसदी से ज्यादा लोग अब ठीक हो चुके हैं और इस फैसले के जरिए कोशिश यह है कि कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या में कमी लाई जा सके और स्वस्थ होने वाले लोगों का प्रतिशत बढ़ाया जा सके.
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