नई दिल्ली: राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बीच कर्नाटक के तुमकुर में जिला अधिकारियों के लिए अन्धविश्वास का मुकाबला करना किसी चुनौती से कम नहीं रहा. आप सोच रहे होंगे कि लॉकडाउन के दौरान किस तरह का अन्धविश्वास?


दरअसल, तुमकुर के कोरटागेरे तालुक के मुद्देनाहल्ली में करीब 60 परिवारों ने अपना गांव छोड़ दिया. गांव छोड़कर ये लोग गांव के बाहर टेंट बनाकर रहने लगे. लगभग तीन दिन इसी तरह टेंट बनाकर गांव के बाहर रहे जिससे कोरोना वायरस गांव में एंट्री ना मारे और वे उससे बच सकें. शुक्रवार को गांव खाली कर ये लोग गांव के बाहर टेंट लगाकर रहने लगे थे. जिसके तीन दिन बाद यानी रविवार की रात को ये लोग वापस गांव में लौटे.


ये फैसला इन लोगों ने तब लिया जब गांव की एक महिला ने गांव की देवी मरम्मा की ओर से बोलने का दावा किया और कहा कि देवी मां ने ऐसा करने को कहा है.


अधिकारियों ने कई बार इन लोगों से गांव लौटने को कहा और हर बार ये लोग अधिकारियों की बात ना मानकर देवी की भविष्यवाणी का हवाला देते रहे. गांव के मुखिया के आदेश पर ही ये लोग गांव के बाहर खेतों में और सरकारी ज़मीन पर अपने साथ अपने पशु, कुत्ते, बिल्ली, बर्तन, कपड़े और सभी सामान लेकर टेंट में रहने लगे. तालुक के तहसीलदार और पुलिस ने भी लोगों को समझाने की कोशिश की लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं मानी. कुछ लोग वापस गए और तहसीलदार और पुलिस के लौटने के बाद दोबारा टेंट में लौट आए.


गांव वालों का कहना था कि जब भी कोई आपदा आयी तो गांव ने इसी तरह कदम उठाया है. दूसरी तरफ अधिकारियों के लिए ये नाइटमेयर साबित हुआ.


यह भी पढ़ें-


जलियांवाला बाग की 100वीं बरसी: जानिए- 13 अप्रैल, 1919 को अमृतसर में क्या हुआ था?