(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बेंगलुरु में सिंधिया खेमे के विधायकों, पूर्व विधायकों का हुआ कोरोना टेस्ट
सोमवार दोपहर करीब साढ़े ग्यारह बजे रिसॉर्ट के अंदर एम्बुलेंस के साथ डॉक्टरों की टीम दाखिल हुई. एम्बुलेंस में मौजूद एक मेडिकल प्रोफेशनल ने पुष्टी की कि डॉक्टरों की टीम कोरोना टेस्ट के लिए आई है.बेंगलुरु में सिंधिया गुट के विधायक कब तक रूकेंगे इसको लेकर स्थिति साफ नहीं है. इनकी गतिविधियां पूरी तरह गोपनीय रखी जा रही हैं.
बेंगलुरु: कोरोना के खतरे के मद्देनजर भोपाल में मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र 26 मार्च तक स्थगित किया गया, तो हफ्ते भर से बेंगलुरु में ठहरे कांग्रेस के बागी विधायकों ने अपना कोरोना टेस्ट करवाया. सोमवार को एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने रिसॉर्ट आकर मध्य प्रदेश के विधायकों और पूर्व विधायकों के स्वास्थ्य की जांच की. सूत्रों के मुताबिक डॉक्टरों ने कोरोना की जांच के साथ ही शुगर लेवल, हेमोग्लोबिन, ब्लड काउंट आदि की भी जांच की. प्राथमिक जांच में सभी स्वस्थ पाए गए. हालांकि विस्तृत जांच रिपोर्ट देर शाम तक आएगी.
सिंधिया गुट के कांग्रेस के बागी बेंगलुरु शहर के बाहर रमादा रिसॉर्ट में ठहरे हुए हैं, जहां पुलिस का पहरा है. सोमवार दोपहर करीब साढ़े ग्यारह बजे रिसॉर्ट के अंदर एम्बुलेंस के साथ डॉक्टरों की टीम दाखिल हुई. एम्बुलेंस में मौजूद एक मेडिकल प्रोफेशनल ने पुष्टी की कि डॉक्टरों की टीम कोरोना टेस्ट के लिए आई है. तकरीबन डेढ़ घंटे की जांच के बाद मेडिकल टीम बाहर आई, लेकिन मीडिया के सवालों का जवाब दिए बिना तेजी से निकल गई. बाद में सिंधिया खेमे के सूत्रों ने बताया कि मेडिकल परीक्षण के दौरान रिसॉर्ट में रुके सभी नेता स्वस्थ पाए गए.
हालांकि बेंगलुरु में सिंधिया गुट के विधायक कब तक रूकेंगे इसको लेकर स्थिति साफ नहीं है. इनकी गतिविधियां पूरी तरह गोपनीय रखी जा रही हैं. लेकिन सूत्रों के मुताबिक अगर जल्द भोपाल लौटने की जरूरत पड़ी तो वहां स्थानीय प्रशासन कोरोना की जांच के नाम पर इन्हें ना उलझा दे, इसलिए बेंगलुरु में ही सबकी जांच करवा ली गई है.
आपको बता दें कि सिंधिया खेमे के 6 विधायकों का इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष मंजूर कर चुके हैं, जबकि बाकी 16 विधायकों का इस्तीफा दो-दो बार भेजे जाने के बावजूद मंजूर नहीं हुआ है. विधानसभा अध्यक्ष इन विधायकों से स्वयं उपस्थित होकर इस्तीफा देने के लिए कह चुके हैं, लेकिन बागी विधायक कमलनाथ सरकार से खतरे का आरोप लगा कर वापस लौटने को तैयार नहीं है. हालांकि सबसे महत्वपूर्ण यह है कि इन इस्तीफों के कारण मध्य प्रदेश की कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार खतरे में आ गई है और बीजेपी कमलनाथ सरकार पर अल्पमत में होने का आरोप लगा कर विश्वास मत परीक्षण की मांग कर रही है.
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