दिल्ली के मंदिरों में भी दिख रहा कोरोना का असर, 50 से ज्यादा श्रद्धालुओं को नहीं मिल रहा एक साथ दर्शन का मौका
कोरोना वायरस का असर मंदिर पर उमड़ने वाली भीड़ पर भी पड़ने की संभावना है. लेकिन मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो और नियमों का पालन भी हो, इसको ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है.कालका जी मंदिर में दुकानदार से लेकर मंदिर प्रबंधन कमेटी के लोग श्रद्धालुओं को सैनिटाइजर और मास्क दे रहे हैं. खासकर मुख्य मंदिर के अंदर प्रवेश करने से पहले मंदिर के सेवादार श्रद्धालुओं को सैनिटाइजर देते हैं.
नई दिल्ली: नवरात्रि का पर्व करीब है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए दिल्ली के मंदिरों में भी खास सतर्कता बरती जा रही है. सोमवार को ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की है कि दिल्ली में किसी भी जगह 50 से ज़्यादा लोगों की भीड़ इकठ्ठी होने की मनाही है. ये नियम धार्मिक, राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक हर तरह के आयोजन पर लागू होगा. दिल्ली के प्राचीन कालका जी मंदिर में भी नवरात्रि में भक्तों की भारी भीड़ जुटती है, ऐसे में मंदिर प्रशासन ने खास तैयारियां की हैं.
कालका जी मंदिर में दुकानदार से लेकर मंदिर प्रबंधन कमेटी के लोग श्रद्धालुओं को सैनिटाइजर और मास्क दे रहे हैं. खासकर मुख्य मंदिर के अंदर प्रवेश करने से पहले मंदिर के सेवादार श्रद्धालुओं को सैनिटाइजर देते हैं. लगातार मां के दरबार और मुख्य परिसर की सफाई में सेवादार लगे हुए हैं. कालकाजी मंदिर प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष विपिन गौड़ के मुताबिक, "कोरोना संक्रमण फैलने के खतरे को देखते हुए मंदिर परिसर की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. करीब 1000 वॉलिंटियर्स की टीम तैयार की गई है, जो ध्यान रखेगी की 40-50 के समूह में ही लोग एक समय में दर्शन करने परिसर में मौजूद हों और एक जगह पर भीड़ इकठ्ठा न हो. परिसर में अलग-अलग जगहों पर वॉलिंटियर्स भक्तों को सैनेटाइज़र दे रहे हैं ताकि हाथ स्वच्छ रहें. इसके साथ ही लाउडस्पीकर से भी अपील करके भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है."
मंदिर के मुख्य पुजारी सर्वेश भारद्वाज का कहना है, "यूं तो माता के दरबार मे सभी कष्ट हर जाते हैं, लेकिन सामाजिक ज़िम्मेदारी समझते हुए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. अगर कोई बीमार है तो उन श्रद्धालुओं से लाउडस्पीकर के ज़रिए अपील भी की जा रही है कि वो बाहर से ही दर्शन कर लें. जिन्हें ज़रूरत है उन्हें मास्क भी बांटे जा रहे हैं. साफ सफाई का पूरा ध्यान रखा गया है. और मां से प्रार्थना है कि इस संकट को भी हर लें."
सिर्फ मुख्य मंदिर के अंदर ही नहीं बल्कि मंदिर परिसर में भी कई दुकानदार आने जाने वाले श्रद्धालुओं को सेनेटाइजर देकर हाथ साफ करने को कहते दिखाई दिए. मंदिर परिसर में करीब 40 सालों से प्रसाद की दुकान चलाने वाले अमित जिनको ज़रूरत हैं उन्हें फ्री में मास्क भी दे रहे हैं. अमित का कहना है, "अपनी सुरक्षा के लिए मास्क पहना है और प्रसाद लेने आने वालों की सुरक्षा का ध्यान रख रहे हैं. सैनिटाइजर श्रद्धालुओं के लिए भी रखा है. हाथ सैनिटाइज़ करके ही प्रसाद देते हैं. प्रसाद की थाली को भी अच्छे से साफ सफाई करके ही श्रद्धालुओं को देते हैं."
कोरोना वायरस का असर मंदिर पर उमड़ने वाली भीड़ पर भी पड़ने की संभावना है. लेकिन मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो और नियमों का पालन भी हो, इसको ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है.
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