नई दिल्ली: कोरोना वायरस के दौरान भी भारत के दुश्मन बाज नहीं आ रहे हैं. इस महामारी के समय भी भारत के दुश्मन सैनिकों से जुड़ी जानकारी को लेकर दुष्प्रचार कर रहे हैं. हालिया मामला सेना की जम्मू के लिए चलाई गई स्पेशल ट्रेन को लेकर है. भारतीय सेना के एक अधिकारी के मुताबिक, इन दिनों सैनिकों के व्हाट्सअप ग्रुप्स में एक मैसेज फैलाया जा रहा है कि 17 अप्रैल को बेंगलुरू से जम्मू के लिए रवाना हुई स्पेशल मिलिट्री ट्रैन में तीन जवान ऐसे थे जो कोरोना वायरस पॉजिटिव थे. इसलिए पूरी ट्रैन को कोरांटीन (क्वारंटीन) कर दिया गया है.


सेना ने इस खबर को खंडन करते हुए कहा है कि ये पूरी तरह से गलत खबर है जिसमें सैनिकों के संक्रमण से जुड़ी जानकारियां दी जा रही है. सेना के मुताबिक, इससे सैनिकों के बीच असंतोष और सरहद पर तैनात सैनिक और उनके परिवारवालों में भय उत्पन करने के इरादे से किया जा रहा है ताकि सेना की मूवमेंट को अवरोध किया जा सके.


सेना के मुताबिक, जो भी सैनिक छुट्टी या फिर ट्रैनिंग से लौट रहे हैं उन सभी के लिए 14 दिन का क्वॉरन्टीन अनिवार्य है.


दरअसल, कोरोना वायरस के चलते देश में लॉकडाउन की घोषणा के बाद से ही सेना ने अपने सभी सैनिकों, यूनिट और रेजीमेंट्स की मूवमेंट पर रोक लगा दी थी. ऐसे में जो सैनिक छुट्टी पर थे वे अपने घर पर ही रह गए और जो ट्रैनिंग पर थे वे भी वहीं रह गएं. लेकिन दूसरे चरण के लॉकडाउन की समीक्षा करते हुए सेना ने उत्तरी कमान (यानि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) और पूर्वी सीमा (सिक्किम, पश्चिम बंगाल, अरूणाचल प्रदेश) के लिए दो विशेष सैन्य ट्रैन चलाई थीं. पहली ट्रेन 17 अप्रैल को बेंगलुरू से बेलगाम और सिंकदराबाद होती हुई 20 अप्रैल को जम्मू पहुंची थी. इसमें करीब 900 सैनिक और वरिष्ट सैन्य अधिकारी थे. इस ट्रेन को लेकर ही व्हाट्सअप मैसेज फैलाया जा रहा था. उसी को लेकर अब सेना ने स्पष्टीकरण जारी किया है. दूसरी ट्रेन 18 अप्रैल को बेंगलुरू से गुवाहटी तक के लिए चलाई गई थी.

हालांकि, सेना ने सीधे तौर से पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, लेकिन माना जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना की मीडिया-विंग, आईएसपीआर और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी, आईएसआई भारत के खिलाफ झूठा दुष्प्रचार करने से कभी पीछे नहीं रहती है.


सेना पहले भी कर चुकी है ऐसी खबरों का खंडन
ये पहली बार नहीं है जब सेना ने सोशल मीडिया पर चल रही किसी गलत खबर का खंड़न किया है. पहले चरण के लॉकडाउन के दौरान भी सोशल मीडिया पर इस तरह की खबरें आ रही थीं जिसमें कहा गया था कि 14 अप्रैल के बाद कोरोना वायरस से लड़ने के लिए देश में इमरजेंसी घोषित कर दी जाएगी और देश की सड़कों पर सैनिक, पूर्व-फौजी और एनसीसी कैडेट्स उतर आएंगे. उसके बाद सेना ने अपने आधिकारिक ट्वीटर एकाउंट से खंडन जारी किया था.


इसके बाद गुजरात में सेना को तैनात करने की खबरें भी आएं थीं. जिसको लेकर सेना ने स्पष्टीकरण जारी किया था, हाल ही में देहरादून में एक महिला सैन्य डॉक्टर के पॉजिटिव पाए जाने के दौरान भी ऐसी ही खबरें वायरल होने लगी थीं जिसमें कहा गया था कि जिस बटालियन हेड़क्वार्टर में महिला डॉक्टर ने विजिट किया था उसे लॉकडाउन कर दिया गया है.



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