Coronavirus Third Wave: दिल्ली में तकरीबन हर तरह की एक्टिविटी को अब नियम और शर्तों के साथ अनलॉक कर दिया गया है. स्कूल, कॉलेज, कोचिंग इंस्टिट्यूट, धार्मिक और सामाजिक गैदरिंग आदि को छोड़कर. लेकिन कोरोना की तीसरी लहर को लेकर खतरा अभी भी बरकरार है. इसी के मद्देनजर दिल्ली में थर्ड-वेव (तीसरी लहर) से  निपटने के लिए तैयारियां भी की जा रही हैं. कोरोना की दूसरी लहर से सीख लेते हुए दिल्ली सरकार ने उन मेडिकल सुविधाओं पर ज़्यादा ध्यान केंद्रित किया है, जिनकी किल्लत से दिल्ली वालों को दूसरी लहर के पीक के दौरान जूझना पड़ा था.


थर्ड-वेव के लिए दिल्ली सरकार का रोडमैप-


तीसरी लहर के मद्देनजर दिल्ली सरकार के एक्शन प्लान और रोडमैप में दिल्ली सरकार द्वारा गठित स्टेट लेवल टास्ट फोर्स, स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या में इजाफा, बच्चों के इलाज के लिए बाल चिकित्सा टास्क फोर्स, पीएसए ऑक्सीजन प्लांट, क्रायोजेनिक बॉटलिंग प्लांट, एमएलओ स्टोरेज प्लांट, अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड प्रबंधन, दवाओं की व्यवस्था और वैक्सीनेशन को तेज़ी से पूरा करना शामिल है.


दिल्ली में आ सकते हैं प्रतिदिन 45 हज़ार केस-


दिल्ली सरकार के मुताबिक संभावित तीसरी लहर के दौरान कम से कम 37 हजार और अधिकतम 45 हजार केस प्रतिदिन आने की संभावना है जिसके आधार पर तैयारी की जा रही हैं. विशेषज्ञों का आंकलन है कि अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है, तो दिल्ली में सामान्य स्थिति के दौरान करीब 37 हजार केस प्रतिदिन आ सकते हैं और अगर इसका प्रकोप बहुत ज्यादा होता है, तो करीब 45 हजार केस प्रतिदिन आ सकते हैं. इसलिए दिल्ली सरकार बेड आदि के प्रबंधन की तैयारी समान्य और सबसे खराब स्थिति को ध्यान में रखते हुए कर रही है.


ऑक्सीजन को लेकर तैयारियां-


दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली में कुल 44 ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी है. जून के महीने तक 27 ऑक्सीजन प्लांट दिल्ली सरकार ने लगाए हैं.


- इनमें से 5 ऑक्सीजन प्लांट मई के महीने में लगवाये गये हैं. ये प्लांट संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल, सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल, दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल, बाबा साहब अंबेडकर अस्पताल और बुराड़ी अस्पताल में लगवाये गये हैं.


- जून में 9 अस्पतालों में 22 नए PSA ऑक्सीजन प्लांट शुरू किए गए जिनकी कुछ क्षमता 17 मीट्रिक टन के करीब है. ये प्लांट्स जिन 9 अस्पतालों में लगाये गए हैं-
• संजय गांधी हॉस्पिटल: 3 प्लांट्स, क्षमता- 1000 LPM
• राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल: 3 प्लांट्स, क्षमता- 1500 LPM
• दीप चंद बन्धु अस्पताल: 3 प्लांट्स, क्षमता 1200 LPM
• गुरु तेग बहादुर अस्पताल: 4 प्लांट्स, क्षमता- 2000 LPM
• बाबा साहब अंबेडकर अस्पताल: 3 प्लांट्स, क्षमता- 1200 LPM
• बुराड़ी अस्पताल: 1 प्लांट, क्षमता- 400 LPM
• निरंकारी फील्ड अस्पताल: 2 प्लांट, क्षमता- 1000 LPM
• ILBS अस्पताल: 2 प्लांट्स, क्षमता- 1000 LPM
• मदन मोहन मालवीय अस्पताल: 1 प्लांट, क्षमता- 170 LPM


- जुलाई के महीने के आखिर तक 17 और ऑक्सीजन प्लांट्स शुरू हो जाएंगे.


- दिल्ली में केंद्र सरकार ने 6 ऑक्सीजन प्लांट केंद्र शुरू किए हैं, इसके अलावा 7 और प्लांट केंद्र सरकार के आने वाले हैं.


- 3 ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक बनाए गए हैं जिनकी क्षमता 57 मीट्रिक टन प्रति टैंक है


- ऑक्सीजन की निर्बाध सप्लाई के लिए दिल्ली सरकार बैंकॉक से 18 ऑक्सीजन टैंकर मंगाए जाएंगे.


- 12 मीट्रिक टन क्षमता के दो क्रायोजेनिक बॉटलिंग प्लांट 31 जुलाई तक शुरू कर दिए जाएंगे.


थर्ड-वेव के लिए 2 स्पेशल टास्क फोर्स-


तीसरी लहर को लेकर दिल्ली में दो स्पेशल टास्क फोर्स  काम कर रही हैं.


पहली कमेटी- बच्चों में कोविड-19 के प्रबंधन के लिए बाल चिकित्सा स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया है. इसमें 8 सदस्य होंगे और खासतौर पर बच्चों पर कोरोना के तीसरी लहर के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए तैयारियां करेंगे. इस कमेटी की अध्यक्षता कोरोना मामलों की नोडल अधिकारी आईएएस सत्य गोपाल करेंगे. इसके अलावा कमेटी में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव, शिशु रोग विशेषज्ञ, पल्मोनोलॉजिस्ट और कई बड़े अस्पतालों में मेडिकल डायरेक्टर और मेडिकल सुपरिटेंडेंट बतौर एक्सपर्ट शामिल होंगे. इस कमेटी का मुख्य काम है बच्चों को ध्यान में रखते हुए तीसरी लहर के प्रभाव को लेकर तैयारियां करना. साथ ही, पूरे विश्व मे अलग-अलग शहरों के कोरोना सम्बन्धी ट्रेंड और म्यूटेंट को ध्यान में रखते हुए तैयारी और मॉडलिंग एक्सरसाइज करना और पॉजिटिविटी रेट इंडिकेटर के आधार पर ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान तैयार करना.


दूसरी कमेटी- संभावित तीसरी लहर के प्रभाव को कम करने और इसके प्रबंधन के लिए स्टेट लेवल एक्पर्ट कमेटी गठित की गई है. 13 अधिकारियों की ये कमेटी दिल्ली में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने और तीसरी लहर से निपटने के लिए एक्शन प्लान तैयार करेगी. इस कमेटी की अध्यक्षता भी कोरोना मामलों के नोडल अधिकारी सत्य गोपाल करेंगे. इस कमेटी में आईएएस रैंक के अधिकारी और DGHS के अधिकारी शामिल होंगे. कमेटी तीसरी वेव को लेकर हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर, ऑक्सीजन प्लांट और दवाईयों की सप्लाई के मौजूदा आंकलन और भविष्य में होने वाली ज़रूरतों के आधार पर एक्शन प्लान तैयार करेगी.


2 जीनोम सीक्वेंसिंग लैब बनकर तैयार हैं-


जीनोम सीक्वेंसिंग एक ऐसी तकनीक है, जो आम लोगों में वायरस के बदलते स्वरूप को समझने और पहचानने में मदद करती है. देश में कोरोना की तीसरी लहर की संभावना और डेल्टा प्लस वेरियंट के खतरे को देखते हुए राजधानी दिल्ली में जीनोम सीक्वेंसिंग लैब खोली गई हैं. तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने अब तक दिल्ली की अपनी दो जीनोम सीक्वेंसिंग लैब की शुरुआत की है. इनमें से एक लैब दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में हैं और एक ILBS (इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज) में है.


5,000 कम्युनिटी हेल्थ असिस्टेंट को दी जा रही है ट्रेनिंग-


आपदा के समय मेडिकल स्टाफ की कमी को देखते हुए अतिरिक्त वर्कफोर्स की तैनाती के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 5,000 कम्युनिटी हेल्थ असिस्टेंट तैयार करने की घोषणा की थी. जिसके तहत 500 ट्रेनी के पहले बैच की शुरुआत 28 जून को कर दी गई थी. दो हफ्ते बाद नया बैच शुरू हो जाता है. एक खास ट्रेनिंग मॉड्यूल के तहत इन हेल्थ असिस्टेंट को पैरामेडिक, लाइफ सेविंग, फर्स्ट एड, होम केयर की ट्रेनिंग दी जाएगी. ये हेल्थ असिस्टेंट डॉक्टरों और नर्सों के असिस्टेंट के रूप में काम करेंगे. दिल्ली के 9 बड़े अस्पतालों बेसिक ट्रेनिंग प्रोग्राम चल रहा है.


दिल्ली के लिए बना ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP)-


तीसरी लहर के प्रकोप को देखते हुए दिल्ली के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान तैयार किया गया है. इस एक्शन प्लान में यह बताया गया है कि कोरोना के चलते कब और किन हालातों में क्या एक्शन लिया जाएगा GRAP में चार तरह के अलर्ट होंगे-


लेवल-1 (Yellow)- यह तब लागू होगा जब लगातार दो दिन तक पॉजिटिविटी रेट 0.5% से ज़्यादा होगा, बीते 1 हफ्ते में 1500 नए मामले आएंगे या एक हफ्ते में 500 ऑक्सीजन बेड्स पर मरीज भर्ती हो जाएं.


लेवल-2 (Amber)- यह तब लागू होगा जब लगातार दो दिन तक 1 फ़ीसदी से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट रहेगा, या 1 हफ्ते के अंदर 3500 नए संक्रमण मामले आएंगे या फिर एक हफ्ते में 700 ऑक्सीजन बेड्स पर मरीज भर्ती हो जाएं.


लेवल-3 (Orange)- यह कब लागू होगा जब लगातार दो दिन तक 2 फ़ीसदी से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट हो जाए या 1 हफ्ते के अंदर 9000 संक्रमण के मामले आ जाएं या फिर एक हफ्ते में 1000 ऑक्सीजन बेड पर मरीज भर्ती हो जाएं.


लेवल-4 (Red)- यह तब लागू होगा जब लगातार दो दिन तक 5 फ़ीसदी से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट रहे या फिर 1 हफ्ते में 16000 से ज्यादा नए संक्रमण के मामले आ जाएं या फिर 3000 ऑक्सीजन बेड पर मरीज भर्ती हो जाएं.



दिल्ली में बीते 1 हफ्ते में कोरोना के आंकड़े-


19 जुलाई-
केस- 36
पाजिटिविटी रेट- 0.06%
मौत- 3


20 जुलाई-
केस- 44
पाजिटिविटी रेट- 0.07%
मौत- 5


21 जुलाई-
केस- 62
पाजिटिविटी रेट- 0.09%
मौत- 4


22 जुलाई-
केस- 49
पाजिटिविटी रेट- 0.08%
मौत- 1


23 जुलाई-
केस- 58
पाजिटिविटी रेट- 0.09%
मौत- 1


24 जुलाई-
केस- 66
पाजिटिविटी रेट- 0.09%
मौत- 0


25 जुलाई-
केस- 66
पाजिटिविटी रेट- 0.09%
मौत- 2 



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