मुंबईः मज़दूरों को उनके राज्य वापस भेजने के लिये रेल मंत्री पीयूष गोयल और महाराष्ट्र सरकार के बीच ट्रेन को लेकर जमकर राजनीति हो रही है. इस राजनीति के भेंट हज़ारों मज़दूर चढ़ रहे हैं. एक तरफ जहां रेल मंत्री महाराष्ट्र में पर्याप्त ट्रेन खड़े होने की बात करते हैं, तो वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र का सूरते हाल यह है कि हज़ारों मज़दूर स्टेशन के बाहर ट्रेन चलने की उम्मीद में सड़क पर रात बिता रहे हैं.
कुछ इसी तरह का दृश्य हमें पालघर के वसई स्टेशन के पास मौजूद सनसिटी मैदान और उसके आस पास के परिसर में देखने को मिला. जहां हज़ारों की संख्या में पुरुष, महिला, बच्चे, गर्भवती महिलाएं कल रात से इस उम्मीद में बैठे हैं कि उनके लिए वसई स्टेशन से ट्रेन चलाई जाएगी और सभी को उनके गृहराज्य भेजा जाएगा.
वसई स्टेशन के पास सनसिटी मैदान में प्रवासी पूरी रात इंतज़ार करते रहे के उन्हें ट्रेन से संबंधित कोई जानकारी दी जाएगी. किन्तु मजदूरों का कहना है कि रात से सुबह हो गई लेकिन उन्हें ट्रेन से जुड़ी कोई जानकारी नही दी गई.
एबीपी न्यूज़ को इस बात की जानकारी मिली तो हमने स्थानीय प्रशाशन से संपर्क साधा. पुलिस निरीक्षक राजेंद्र कांबले से हमें पता चला के आज वसई से उत्तर भारत के लिए कोई ट्रेन नहीं चलने वाली है. इस बात की जानकारी प्रवासी मजदूरों को दी गई थी और सभी मजदूरों को उनके घर वापस लौटने को कहा गया लेकिन मज़दूरों को जहां जगह मिली उन्होंने वही रात बिताई.
सुबह हुई पुलिस ने मज़दूरों को खदेड़ना शुरू किया. जिसके बाद मज़दूर स्टेशन के पास के परिसर में जमा हुए. स्थानीय पुलिस सभी को खाना पानी देकर बस की मदद से उनके घर वापस भेज रही है.
वहीं यूपी बिहार के लिए चलने वाली ट्रेन को लेकर मजदूरों को सही जानकारी नहीं दी जा रही है. जिसके चलते लगातार हज़ारों की भीड़ स्टेशन के पास जमा हो रही है, इस लापरवाही की भेंट गरीब प्रवासी चढ़ रहे हैं. सामाजिक दूरी का भी ख्याल नही किया जा रहा है और यहीं कारण है की महाराष्ट्र कोरोना का हॉटस्पॉट बनता जा रहा है.
यह भी पढ़ेंः
दिल्ली में कोरोना मरीजों के बढ़ने के सभी रिकॉर्ड टूटे, 24 घंटे में 792 नए केस आए, अब तक 300 से ज्यादा मौतें
सरकार ने किया कंपनीज़ एक्ट में बदलाव, अब PM Cares में भी दिए जा सकेंगे CSR फंड